हैदराबाद, 12 मई 2025 – भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के दस कार्यकर्ताओं, जिनमें स्थानीय नगर अध्यक्ष वंशी भी शामिल हैं, पर शनिवार दोपहर शामशाबाद स्थित कराची बेकरी की दुकान पर हमला करने का आरोप लगाया गया है। विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों ने बेकरी के नाम बदलने की मांग करते हुए उसके साइनबोर्ड को नुकसान पहुंचाया।
क्या हुआ?
- विरोध प्रदर्शन हिंसक हुआ: भाजपा कार्यकर्ताओं ने बेकरी के बाहर भारतीय झंडे लहराते हुए “भारत माता की जय” और “पाकिस्तान मुर्दाबाद” के नारे लगाए।
- अंदर नहीं घुसे, लेकिन नुकसान पहुंचाया: पुलिस ने पुष्टि की कि प्रदर्शनकारियों ने बेकरी के अंदर प्रवेश नहीं किया, लेकिन उसके बाहरी साइनबोर्ड को तोड़ दिया।
- भारतीय न्याय संहिता (BNS) के तहत केस दर्ज: आरजीआईए एयरपोर्ट पुलिस ने धारा 126(2) के तहत जनता को परेशान करने और गलत तरीके से रोकने का मामला दर्ज किया है।
कराची बेकरी को क्यों निशाना बनाया गया?
बेकरी का नाम कुछ समूहों के लिए विवाद का विषय रहा है, हालांकि इसकी जड़ें भारत से जुड़ी हैं। मालिकों ने हाल ही में स्पष्ट किया:
- 1953 में स्थापना: सिंधी हिंदू शरणार्थी खानचंद रामनानी द्वारा स्थापित, जो विभाजन के दौरान हैदराबाद आए थे।
- 100% भारतीय ब्रांड, जो बिस्कुट, केक और पेस्ट्री के लिए प्रसिद्ध है।
- मालिकों ने तेलंगाना सरकार से अपने ब्रांड नाम को बचाने की गुहार लगाई है।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
पंचायत राज मंत्री डी. अनासूया ने हमले की निंदा करते हुए इसे “घृणित” बताया और भाजपा पर राजनीतिक फायदे के लिए नफरत फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने जोर देकर कहा:
- बेकरी का स्वामित्व एक हिंदू परिवार के पास है, जो विभाजन के दौरान विस्थापित हुआ था।
- इसी नाम की बेकरी गुजरात में भी चलती हैं, जहां से पीएम मोदी और अमित शाह आते हैं।
- भाजपा की कार्रवाई छोटे व्यवसायों को नुकसान पहुंचाती है और समाज को बांटती है।
सोशल मीडिया पर आक्रोश
विरोध प्रदर्शन की वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में गुस्सा देखा गया, जिसमें चर्चा के मुख्य बिंदु थे:
- व्यापार की स्वतंत्रता बनाम राष्ट्रवादी भावनाएं
- विदेशी नाम वाले ब्रांड्स को निशाना बनाना
- जनता के आक्रोश का राजनीतिक इस्तेमाल
अब आगे क्या?
- पुलिस जांच कर रही है, संभावित गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
- बेकरी प्रबंधन सरकार से सुरक्षा और अपने नाम को बनाए रखने की मांग कर रहा है।
- चुनाव नजदीक आने के साथ राजनीतिक तनाव बढ़ सकता है।
अंतिम विचार
देशभक्ति जरूरी है, लेकिन ऐतिहासिक महत्व वाले व्यवसायों पर हमला करना वास्तविक मकसद पर सवाल खड़े करता है। कराची बेकरी का मामला दिखाता है कि कैसे ब्रांड पहचान और राजनीतिक एजेंडे टकराते हैं, जिससे लोगों की आजीविका प्रभावित होती है।
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