कुशमुण्डा कोयला खदान से चोरी की बड़ी वारदात सामने आई है, जब जिला पुलिस ने चार ट्रेलर जब्त किए। ये सभी ट्रेलर एक ही व्यक्ति के बताए जा रहे हैं, और उनके प्रत्येक पर अनुमानित 84 टन अधिक कोयला पाया गया, जिसे खदान से अवैध रूप से निकाला जा रहा था। पुलिस ने यह भी पता लगाया कि जब ये ट्रेलर जांच के लिए खदान के बाहर खड़े किए जाते थे, तो जांच-पड़ताल के बाद फिर से कोयला लोड कर खदान में वापस चले जाते थे।
जांच के शुरुआती संकेतों से स्पष्ट हुआ कि मोटर मालिक के साथ-साथ ‘DO होल्डर’ की भूमिका भी संदिग्ध है, जो ट्रेलरों का वजन प्रमाणित करने और दस्तावेजों को प्रमाणित करने में शामिल था। पुलिस अब इस मामले की तह में जा रही है और ट्रेलर मालिक की वृहत गैंग-नेटवर्क की भी जानकारी इकट्ठा करने में जुटी है। आरोपी ट्रेलर चालक गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किए गए हैं।
इस बड़ी कार्यवाही में कुशमुण्डा पुलिस ने ट्रेलरों के चालक को हिरासत में लिया है और मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए खदान की सुरक्षा प्रणाली, गार्ड पदस्थापन, दस्तावेज जांच की प्रक्रिया व खदान प्रबंधन की भूमिका की भी जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारी इस कार्रवाई से SECL की सुरक्षा प्रणाली में दोष उजागर करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, ताकि ऐसी चोरी की घटनाओं को भविष्य में रोका जा सके।
इस घटनाक्रम से यह साफ हुआ है कि कोयला चोरी की गतिविधियाँ संगठित स्तर पर की जा रही थीं और इसमें ट्रेलर मालिक एवं सतह निरीक्षक की भूमिका संदेहास्पद मानी जा रही है। पुलिस द्वारा अब तक चार ट्रेलर जब्त करने और चालक को गिरफ्तार करने से यह संकेत मिलता है कि चोरी की जड़ें गहरी हैं और नेटवर्क का पर्दाफाश जल्द हो सकता है।