अनिल अंबानी और उनके रिलायंस ग्रुप पर आर्थिक अपराध जांच एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) से ₹2,929 करोड़ के लोन फ्रॉड मामले में एनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने CBI की शिकायत के आधार पर नया केस दर्ज किया है।
ED ने इस मामले में एनफोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट (ECIR) दायर की, जो उनके लिए पुलिस की FIR के बराबर है।
अब तक की प्रमुख कार्रवाई
- 23 अगस्त को CBI ने छापेमारी कर मुंबई स्थित RCom के ऑफिस और अनिल अंबानी के घर से सबूत जुटाए।
- 23 जुलाई को ED की बड़ी कार्रवाई: यस बैंक लोन फ्रॉड केस में रिलायंस ग्रुप के 35 से ज्यादा ठिकानों पर छापेमारी।
- NCLT में दिवालिया प्रक्रिया: अनिल अंबानी के खिलाफ व्यक्तिगत दिवालिया केस लंबित।
SBI लोन फ्रॉड केस का पूरा घटनाक्रम
सवाल 1: CBI ने कार्रवाई क्यों की?
SBI ने रिलायंस ग्रुप की कंपनियों को ₹2,929 करोड़ का लोन दिया था, जिसे समय पर चुकाया नहीं गया।
- लोन का ग़लत इस्तेमाल हुआ।
- नियमों का उल्लंघन किया गया।
- CBI ने इस गड़बड़ी को फ्रॉड मानकर केस दर्ज किया।
सवाल 2: इस मामले में CBI की भूमिका क्या है?
CBI ने पहले ही यस बैंक से जुड़े दो मामलों में FIR दर्ज की थी, जिसमें राणा कपूर का नाम आया था।
- नेशनल हाउसिंग बैंक, सेबी, बैंक ऑफ बड़ौदा और अन्य संस्थानों ने भी जानकारी दी।
- ED इस जानकारी के आधार पर जांच कर रही है।
सवाल 3: ED की जांच में क्या सामने आया?
ED ने रिपोर्ट में कहा कि यह एक “सोचा-समझा और सुनियोजित प्लान” था।
मुख्य गड़बड़ियां:
- कमजोर या बिना वेरिफिकेशन वाली कंपनियों को लोन।
- एक ही डायरेक्टर और एड्रेस वाली कंपनियां।
- दस्तावेजों की कमी।
- फर्जी कंपनियों में पैसा ट्रांसफर।
- पुराने लोन चुकाने के लिए नए लोन (Evergreening of Loans)।
सवाल 4: अनिल अंबानी पर और क्या आरोप हैं?
- SBI ने RCom और अनिल अंबानी को “फ्रॉड” घोषित किया।
- ₹31,580 करोड़ का लोन लिया गया, जिसमें:
- ₹13,667 करोड़ दूसरी कंपनियों के लोन चुकाने में खर्च।
- ₹12,692 करोड़ रिलायंस ग्रुप की अन्य कंपनियों में ट्रांसफर।
- NCLT मुंबई में पर्सनल इन्सॉल्वेंसी केस जारी है।
अनिल अंबानी का नाम लगातार बड़े वित्तीय घोटालों से जुड़ता जा रहा है। ED और CBI की संयुक्त कार्रवाई से यह केस और गंभीर हो गया है। SBI समेत कई वित्तीय संस्थानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है। आने वाले दिनों में जांच से इस पूरे घोटाले के और पहलू सामने आ सकते हैं।





