BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बुधवार को नक्सलियों को लेकर स्पष्ट संदेश दिया कि मोदी सरकार तब तक सक्रिय रहेगी जब तक सभी नक्सली आत्मसमर्पण नहीं करते, पकड़े नहीं जाते या उनका सफाया नहीं हो जाता।
ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट की सराहना
शाह ने छत्तीसगढ़ के कर्रेगुट्टा पहाड़ी में संपन्न ‘ऑपरेशन ब्लैक फॉरेस्ट’ की सफलता पर सुरक्षा बलों की बहादुरी की तारीफ की। उन्होंने सीआरपीएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस, जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और ‘कोबरा’ बल के जवानों को बधाई दी। शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार देश को नक्सल मुक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
जवानों की पराक्रम की चर्चा
गृह मंत्री ने कहा कि ऑपरेशन के दौरान गर्मी, ऊंचाई और आईईडी के खतरे के बावजूद सुरक्षा बलों ने ऊंचे मनोबल के साथ अभियान चलाया। नक्सलियों के मुख्य बेस कैंप को नष्ट करने के साथ ही उनके सामग्री भंडार और आपूर्ति शृंखला को भी प्रभावी तरीके से खत्म किया गया। शाह ने इसे नक्सल विरोधी अभियानों के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय बताया।
नक्सलवाद से हुए नुकसान का जिक्र
अमित शाह ने कहा कि नक्सलियों ने देश के कुछ सबसे पिछड़े क्षेत्रों को नुकसान पहुँचाया, स्कूलों और अस्पतालों को बाधित किया और सरकार की कल्याणकारी योजनाओं में रुकावट पैदा की। उन्होंने कहा कि निरंतर नक्सल विरोधी अभियानों के कारण 6.5 करोड़ लोगों के जीवन में सुधार आया है।
सरकार की प्रतिबद्धता
शाह ने यह भी बताया कि नक्सल विरोधी अभियानों में गंभीर रूप से घायल हुए सुरक्षाकर्मियों के लिए सरकार सभी जरूरी कदम उठा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मोदी सरकार 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है। इस अवसर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय और उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा भी मौजूद थे।