Mohit Jain
रायपुर: नवा रायपुर में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में शुक्रवार से तीन दिवसीय 60वीं डीजीपी-आईजी कॉन्फ्रेंस शुरू हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शनिवार-रविवार को सम्मेलन में शामिल होंगे। कॉन्फ्रेंस में देश के भगोड़ों को वापस लाने की रणनीति और 2047 तक पुलिसिंग की दिशा तय करने पर भी चर्चा होगी।
नक्सलवाद के खात्मे का लक्ष्य
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि अगली डीजीपी कांफ्रेंस से पहले पूरे देश से नक्सलवाद समाप्त कर दिया जाएगा। शाह ने वामपंथी उग्रवाद को देश के विकास की पहली नींव बताते हुए कहा कि बस्तर सहित नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में विकास की गति तेज होगी। उन्होंने सुरक्षा बलों की सराहना करते हुए मार्च 2026 तक नक्सलवाद के खात्मे का लक्ष्य तय किया।
सुरक्षा और इंटेलिजेंस की भूमिका
शाह ने बताया कि इंटेलिजेंस की सटीकता, लक्ष्य की स्पष्टता और एक्शन में तालमेल के जरिए कट्टरता, उग्रवाद और नारकोटिक्स पर कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि तीन बिंदुओं पर काम करने से ही सफलता मिल रही है और देश में अपराधियों को जगह नहीं मिलेगी।
बस्तर 2.0 का रोडमैप
छत्तीसगढ़ के डीजी अरुण देव गौतम शनिवार को बस्तर 2.0 के रोडमैप का विवरण देंगे। इसमें बस्तर के अंदरूनी इलाकों को विकास से जोड़ने, आदिवासियों का भरोसा जीतने, उनके जीवन स्तर को ऊंचा उठाने और आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की योजना शामिल होगी।
भगोड़े भारतीय वापस लाने की रणनीति
कॉन्फ्रेंस में विजय माल्या, नीरव मोदी, मेहुल चोकसी, ललित मोदी जैसे भगोड़े भारतीयों को विदेश से वापस लाने के रोडमैप पर चर्चा होगी।

पुलिस स्टेशनों का सम्मान
केंद्रीय गृहमंत्री ने देश के टॉप-3 पुलिस स्टेशनों- दिल्ली का गाजीपुर, अंडमान-निकॉबार का पहरगांव और कर्नाटक के रायचूर जिले का कवितला पुलिस स्टेशन को सम्मानित किया। कुल 70 से ज्यादा पैरामीटर्स पर थानों का चयन किया गया।
कॉन्फ्रेंस में अन्य चर्चा के विषय
- राष्ट्रीय सुरक्षा पर इंटेलिजेंस बुलेटिन और आतंकवाद निरोध।
- पुलिसिंग का रोडमैप: विजन 2047।
- महिलाओं की सुरक्षा के लिए तकनीक का उपयोग।
- जन-आंदोलनों का मुकाबला और कानून प्रवर्तन।
- फॉरेंसिक के बढ़ते उपयोग और सफल अभियोजन।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कॉन्फ्रेंस को देश की सुरक्षा, नक्सलवाद और अपराध नियंत्रण के लिए महत्वपूर्ण बैठक बताया।





