जामताड़ा: कहीं बीयर और शराब की बोतलें, कहीं गुटखे का रैपर, तो कहीं जली हुई सिगरेट के फिल्टर। ताश के पत्ते और नमकीन के पैकेट। हर सुबह यह नजारा जामताड़ा के एक सरकारी स्कूल का होता है, जहां बाउंड्री नहीं है। स्कूल पहुंचते ही सबसे पहले प्रभारी या शिक्षक खुद इन्हें हटाते हैं, तभी पढ़ाई शुरू हो पाती है। दरअसल, जामताड़ा सदर प्रखंड का उत्क्रमित मध्य विद्यालय पांडेडीह ऐसा एक स्कूल हैं, जिनके परिसर शाम होते ही मयखाना बन जाते हैं। यही नहीं, स्कूल परिसर असामाजिक तत्वों और जुआरियों का अड्डा बन गए हैं। यहां के प्रभारी प्रधानाध्यापक एके मिश्रा ने नशेड़ियों की हरकत से अवगत कराया।
शाम होते ही स्कूल परिसर में नशेड़ी एवं जुआड़ियों का होता है जमावड़ा
आपको बता दें कि जिले में फिलहाल तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान का अभियान चलाया जा रहा है। स्कूल परिसर के 100 गज के दायरे में स्थित दुकानों में किसी भी तरह के तंबाकू उत्पादों की बिक्री प्रतिबंधित की गई है। विक्रेताओं को ऐसे उत्पाद नहीं रखने की हिदायत दी जा रही है। दूसरी तरफ स्कूल परिसर में ही रात के वक्त जुआरियों और नशेड़ियों का जमावड़ा लग रहा है। अब हर दिन सुबह सिगरेट के टुकड़े, शराब की बोतल, खैनी, गुटखा के रैपर जैसे नशे का सामान देखने को मिल रहा है।विद्यालय परिसर में शौचालय के अंदर आपत्तिजनक चीज मिलती रहती हैं। सबसे पहले ऐसे ही सामानों की सफाई करते हैं।फिर क्लास शुरू होती है।वहीं एमडीएम और कक्षा संचालन के दौरान आवारा पशु भी विद्यालय में आसानी से प्रवेश कर जाते हैं और गंदगी फैला देते हैं।
पुलिस से कार्यवाही की मांग करने की तैयारी
बाउंड्री नहीं है, इसलिए ऐसे लोग परिसर में आसानी से आ जाते हैं।मामले की शिकायत विभाग से की गई है।इस संबंध में जिला शिक्षा अधीक्षक विकेश कुणाल प्रजापति ने बताया कि मामले को लेकर विभाग गंभीर है।विद्यालय प्रबंधन समिति का पुनर्गठन कर असामाजिक तत्वों के रोकथाम में ग्रामीणों से सहयोग की अपील की जाएगी। साथ ही एसपी को पत्राचार कर विद्यालय में पुलिस पेट्रोलिंग करने की मांग शिक्षा विभाग की ओर से की जाएगी।