BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली, शुक्रवार शाम दिल्ली के करोल बाग स्थित विशाल मेगा मार्ट में भीषण आग लगने से इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस खौफनाक हादसे में अब तक दो लोगों की जान जा चुकी है, जिसमें एक यूपीएससी की तैयारी कर रहा छात्र भी शामिल है। घटनास्थल पर पहुंची फायर ब्रिगेड टीम को भारी मशक्कत करनी पड़ी, क्योंकि बिल्डिंग में आग बुझाने और बाहर निकलने का कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं था।
धुएं से भरी बिल्डिंग, लिफ्ट में फंसा छात्र
घटना के दौरान बिल्डिंग की बिजली चली गई, और 25 वर्षीय छात्र कुमार धीरेंद्र प्रताप सिंह लिफ्ट में फंस गया। धुएं से दम घुटने के कारण उसकी मौत हो गई। वहीं, एक और अधजला शव भी पुलिस ने बरामद किया है, जिसकी पहचान नहीं हो पाई है।
धीरेंद्र के भाई रजत सिंह ने बताया, “शाम करीब 6:54 बजे मेरे भाई का फोन आया। उसने कहा कि वो लिफ्ट में फंसा है और यहां बहुत धुआं है। मैंने तुरंत पुलिस और मार्ट से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन वहां कोई नहीं था। स्टाफ बिजली बंद कर भाग चुके थे।” रजत ने मार्ट प्रबंधन और पुलिस पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है।
आग बुझाने में भारी मुश्किलें: बाहर से तोड़नी पड़ी दीवार
फायर ब्रिगेड को शाम 6:44 बजे सूचना मिली। जब टीम मौके पर पहुंची, तब बिल्डिंग बेसमेंट से लेकर तीसरी मंजिल तक आग की चपेट में थी। तेल, घी और ज्वलनशील सामान की वजह से आग और तेजी से फैली। फायर ऑफिसर एम.के. चटोपाध्याय ने बताया कि सीढ़ियों और वैकल्पिक मार्गों पर भारी मात्रा में स्टोर का सामान रखा था, जिससे आग बुझाने का कार्य और भी मुश्किल हो गया। अंततः टीम को बाहर से दीवार तोड़कर अंदर जाना पड़ा।
सवालों के घेरे में विशाल मेगा मार्ट की सुरक्षा व्यवस्था
फायर विभाग ने स्पष्ट कहा कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था। बिल्डिंग में न तो फायर एग्जिट खुला था, न ही कोई वेंटिलेशन सिस्टम सक्रिय था, जिससे अंदर धुआं भर गया और लोगों के लिए बचना मुश्किल हो गया।
पुलिस और प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप, जांच जारी
मृतक के परिजनों ने विशाल मेगा मार्ट के स्टाफ और पुलिस दोनों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करने की मांग की है। करोल बाग थाने में सुबह 10 बजे परिजनों को बुलाकर शिकायत ली गई। पुलिस अब CCTV फुटेज, स्टाफ से पूछताछ और बिल्डिंग के लाइसेंस दस्तावेजों की जांच कर रही है।