रिपोर्टर: उमेश डहरिय
कोरबा। जिले में बारिश की दस्तक के साथ ही खेतों में हल चलने लगे हैं और खेती-किसानी का कार्य जोरों पर है। अनुकूल मौसम और कृषि विभाग की सक्रियता के चलते इस वर्ष बेहतर फसल की उम्मीद जताई जा रही है। ऐसे समय में उर्वरक की मांग बढ़ना स्वाभाविक है, जिसे देखते हुए कृषि विभाग ने किसानों के लिए वैकल्पिक उर्वरकों की बेहतर व्यवस्था की है।
डीएपी की जगह एनपीके, पोटाश और यूरिया की व्यवस्था
कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की पर्याप्त मात्रा में स्टॉक तैयार किया गया है। साथ ही, यदि डीएपी की आपूर्ति में कोई कमी आती है तो एनपीके, पोटाश और यूरिया जैसे उर्वरकों को विकल्प के रूप में उपलब्ध कराया गया है। इनमें एनपीके को डीएपी का सबसे उपयुक्त विकल्प बताया गया है क्योंकि यह पौधों को संतुलित पोषण प्रदान करता है।
किसानों को दी जा रही जानकारी
विभाग द्वारा किसानों को समय-समय पर जागरूक किया जा रहा है कि वे किस फसल और मिट्टी के अनुसार उर्वरकों का चयन करें। विशेष रूप से एनपीके उर्वरक के उपयोग के फायदे समझाए जा रहे हैं ताकि किसान डीएपी की अनुपलब्धता की स्थिति में भी बिना रुकावट खेती कर सकें।
40 सहकारी समितियों में टैग सहित उर्वरक वितरण
कोरबा जिले की कुल 40 सहकारी समितियों में उर्वरकों की आपूर्ति सुनिश्चित की गई है। सभी उर्वरकों पर अनुशंसा टैग (Recommendation Checks) लगाए गए हैं, ताकि किसानों को प्रमाणित और गुणवत्तायुक्त उर्वरक ही मिलें। इससे गलत उर्वरकों के वितरण पर भी रोक लगेगी।
अच्छी फसल की संभावना
मौसम विभाग के अनुमान और विभाग की तैयारी को देखते हुए इस वर्ष जिले में अच्छी फसल होने की संभावना है। समय पर उर्वरक और बीज मिलने से किसानों को खेती में लाभ और उत्पादन में बढ़ोतरी की उम्मीद है।