भोपाल की सेंट्रल जेल जल्द ही और अधिक तकनीकी सुविधाओं से लैस होने जा रही है। अब तक जेल में केवल 11 वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (VC) रूम थे, जिनका उपयोग मुख्यतः आतंकवादियों और हाई-प्रोफाइल कैदियों की अदालत में पेशी के लिए होता था। लेकिन अब 16 और नए VC रूम बनाने की योजना पर काम शुरू होने जा रहा है।
जेल मुख्यालय से मिली हरी झंडी, बजट पास
इस योजना के लिए जेल मुख्यालय से बजट मंजूर कर लिया गया है। इसका उद्देश्य है कि कैदियों को अदालत में पेशी के लिए बार-बार जेल से बाहर न ले जाना पड़े, जिससे सुरक्षा जोखिम कम हो और प्रशासनिक प्रक्रिया में सुधार हो।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कैदियों को मिलेंगी ये सुविधाएं
1. परिजनों से मिलना होगा आसान
जेल अधीक्षक राकेश भांगरे के अनुसार, VC रूम्स कैदियों को उनके परिवारों से जोड़ने में मदद करेंगे। अब कैदी अपने परिजनों से वीडियो कॉल के माध्यम से मिल सकेंगे, जिससे मानसिक तनाव भी कम होगा।
2. अदालत में पेशी भी VC से
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अब कैदियों को अदालत में शारीरिक रूप से पेश नहीं किया जाएगा, जिससे:
- पुलिस और जेल प्रशासन का समय बचेगा
- सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत होगी
- कैदियों को गैरजरूरी ट्रांसपोर्ट से राहत मिलेगी
3. सुरक्षा जोखिम और लागत में कमी
VC रूम्स के उपयोग से:
- कैदियों को जेल से बाहर ले जाने का खतरा घटेगा
- सुरक्षा बलों की आवश्यकता कम होगी
- ट्रांसपोर्ट और सुरक्षा पर आने वाला खर्च घटेगा
हाई सिक्योरिटी सेल में हुआ विस्तार
हाल ही में जेल में 12 नई हाई सिक्योरिटी सेल का निर्माण भी पूरा हुआ है।
- बजट: ₹1.20 करोड़
- निर्माण अवधि: लगभग दो साल
- इन नई सेल्स में अब कुख्यात आतंकियों को शिफ्ट करने की तैयारी चल रही है।
क्षमता से अधिक कैदी
फिलहाल, जेल की हाई सिक्योरिटी सेल की क्षमता 58 कैदियों की है, जबकि यहां 69 आतंकी पहले से बंद हैं। जल्द ही अतिरिक्त आतंकियों को इन नई सेल्स में शिफ्ट किया जाएगा।
आधुनिक जेल प्रबंधन की ओर कदम
भोपाल सेंट्रल जेल का यह आधुनिकरण जेल प्रणाली को अधिक सुरक्षित, पारदर्शी और मानवीय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम्स और हाई सिक्योरिटी सेल्स के निर्माण से कैदियों को जहां सुविधा मिलेगी, वहीं प्रशासन के लिए भी सुरक्षा और दक्षता में सुधार संभव होगा।