ईरान और इजरायल के बीच चल रहे युद्ध में अमेरिका भी खुलकर कूद चुका है। हाल ही में अमेरिका ने ईरान के न्यूक्लियर ठिकानों पर बमबारी की, जिसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को मिसाइल से निशाना बनाया।
अब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सीजफायर का प्रस्ताव रखा, जिसे ईरान ने पूरी तरह से खारिज कर दिया है।
ईरान ने सीजफायर प्रस्ताव ठुकराया
ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के नेतृत्व में ईरानी प्रशासन ने साफ कहा है कि वे ट्रंप के किसी भी युद्धविराम प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेंगे।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, ईरान ने ट्रंप के बयानों को “विरोधाभासी और अविश्वसनीय” बताया है।
जवाबी कार्रवाई और तेज होगी
ईरान ने साफ कर दिया है कि अब वह जवाबी हमलों में कोई नरमी नहीं बरतेगा।
तेहरान का कहना है कि जब तक इजरायल और अमेरिका अपने हमले बंद नहीं करते, तब तक ईरान अपनी कार्रवाई जारी रखेगा।
ट्रंप का दावा – “दोनों देश शांति चाहते हैं”
डोनाल्ड ट्रंप ने एक बयान में दावा किया था कि ईरान और अमेरिका दोनों पिछले 12 दिनों से चल रही जंग को खत्म करने पर सहमत हो चुके हैं।
लेकिन ईरान ने इस दावे को पूरी तरह से झूठा और भ्रामक बताया है।
अमेरिका के ठिकानों पर ईरान का पलटवार
सीजफायर की घोषणा से पहले ही ईरान ने सोमवार को अमेरिका पर बड़ा पलटवार किया।
ईरान की इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (IRGC) ने कतर और इराक में मौजूद अमेरिकी बेस पर मिसाइलें दागीं।
जानें क्या हुआ हमले में:
- मीडियम और शॉर्ट रेंज मिसाइलों का इस्तेमाल किया गया
- हमले का वीडियो जारी किया IRGC ने
- ईरान ने कहा – “हमने जितने बम खाए, उतने ही लौटाए”
ईरान का ट्रंप के सीजफायर प्रस्ताव को खारिज करना इस बात का संकेत है कि यह युद्ध अभी थमने वाला नहीं है।
तेहरान अब पूरी ताकत से अमेरिका और इजरायल के खिलाफ मोर्चा खोल चुका है। आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं।