Report: Pram nayaran
Sehore: जिले के झागरिया चौराहे पर सोमवार को दर्दनाक हादसा हुआ, जहां लाल रंग की तेज रफ्तार थार गाड़ी ने चार लोगों को जोरदार टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार यह वाहन आष्टा पुलिस विभाग में पदस्थ कायरत किरण राजपूत चला रही थीं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
हादसे में घायल हुए चारों व्यक्तियों को तत्काल प्राथमिक उपचार के बाद भोपाल रेफर किया गया है। इनमें दो लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। जानकारी के अनुसार, चार में से दो लोग बाइक पर सवार थे, जबकि बाकी दो सड़क किनारे कंबल की दुकान के अंदर बैठे हुए थे, तभी अचानक थार अनियंत्रित होकर सीधे उनसे जा भिड़ी। दुर्घटना की सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है। हादसे के बाद क्षेत्र में दहशत का माहौल बना हुआ है।
महिंद्रा थार और बुलेट पर हरियाणा DGP का बयान, सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस
हरियाणा के पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह इन दिनों अपने एक बयान को लेकर सुर्खियों में हैं। डीजीपी ने हाल ही में महिंद्रा थार और रॉयल एनफील्ड बुलेट को लेकर ऐसी टिप्पणी की, जिसने सोशल मीडिया पर चर्चा और विवाद दोनों को जन्म दिया। उन्होंने इन दोनों वाहनों को बदमाशों की पसंद बताया और कहा कि यह गाड़ियों का चयन व्यक्ति के मानसिकता को दर्शाता है।
डीजीपी का बयान क्या था?
एक कार्यक्रम के दौरान डीजीपी ओपी सिंह ने कहा—
“अब थार है, उसे छोड़ने का क्या मतलब? बुलेट है, सारे बदमाश इसी पर चलते हैं। जिस गाड़ी को लोग पसंद करते हैं, वह उनके माइंडसेट को दिखाती है। थार लेकर स्टंट करेंगे। एक एसीपी का बेटा था, उसने भी गाड़ी चढ़ा दी और फिर पिता कह रहे थे— हमारे बेटे को छोड़ दो। मैंने पूछा कि गाड़ी किसके नाम है? बोले— मेरे नाम पर। तो तुम ही बदमाश हो। पुलिस की सूची निकालो, जिनके पास थार है, उनका दिमाग घूमने का चांस ज्यादा है। थार सिर्फ गाड़ी नहीं, यह एक स्टेटमेंट है— ‘हम ऐसे हैं।’ और फिर सोचते हैं कि दादागिरी भी करें और फंसें भी ना!”
इस बयान के सोशल मीडिया पर आते ही प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। कई यूजर इसे डीजीपी का बेबाक बयान बता रहे हैं, जबकि कुछ इसे साधारण वाहनों की छवि खराब करने वाला बयान मान रहे हैं।
सोशल मीडिया पर मिली मिली-जुली प्रतिक्रिया
जहां कुछ लोग डीजीपी की बात से सहमत दिखे, वहीं कई यूजर ने पूछा कि क्या अब महिंद्रा थार या बुलेट चलाना गलत हो गया? कई लोगों ने यह तर्क दिया कि वाहन नहीं, उसकी मानसिकता और उपयोग करने का तरीका समस्या है।





