ओपनएआई के मुख्य उत्पाद अधिकारी (सीपीओ) केविन वेइल ने एक साहसिक भविष्यवाणी की है। उनका कहना है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) इस साल के अंत तक कोडिंग में इंसानों को हमेशा के लिए पीछे छोड़ देगा। यह बयान उन्होंने यूट्यूब शो ओवरपावर्ड में वरुण मय्या और तन्मय भट के साथ बातचीत के दौरान दिया। यह सवाल तब उठा जब उनसे Anthropic के उस दावे के बारे में पूछा गया, जिसमें कहा गया था कि कोडिंग का स्वचालन 2027 तक हो जाएगा।
एआई की तेज प्रगति
वेइल ने कहा, “जिस रफ्तार से हम आगे बढ़ रहे हैं, मुझे आश्चर्य होगा अगर यह 2027 तक टल जाए। मेरा मानना है कि यह उससे कहीं पहले होगा।” उन्होंने ओपनएआई के मॉडल्स की तेजी से हो रही प्रगति पर जोर दिया।
उन्होंने ओपनएआई के विभिन्न GPT वर्जनों के प्रदर्शन को समझाते हुए कहा, “GPT-01 प्रीव्यू दुनिया का शायद दस लाखवां सबसे बेहतरीन प्रतिस्पर्धी प्रोग्रामर था। यह सुनने में ज्यादा प्रभावशाली नहीं लगता, लेकिन दुनिया में लगभग 30-40 मिलियन प्रोग्रामर हैं। यानी यह टॉप 2-3% में था।” इसके बाद GPT-01 आया, जो वैश्विक स्तर पर टॉप 1,000 प्रतिस्पर्धी प्रोग्रामरों में शामिल हो गया। लेकिन अब ओपनएआई एक और बड़ी छलांग लगाने की तैयारी में है।
GPT-03: कोडिंग में क्रांति
वेइल ने बताया, “जल्द ही आने वाला GPT-03, उसी बेंचमार्क के अनुसार, दुनिया का 175वां सबसे बेहतरीन प्रतिस्पर्धी कोडर है। और जैसे ही हम इसके अगले मॉडल्स को प्रशिक्षित कर रहे हैं, वे पहले से ही इससे बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।” उनका मानना है कि 2025 एक ऐतिहासिक साल होगा। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह वह साल है जब प्रतिस्पर्धी कोडिंग के बेंचमार्क के हिसाब से एआई इंसानों से बेहतर हो जाएगा—हमेशा के लिए। जैसे 70 साल पहले कंप्यूटर ने गुणा करने में इंसानों को पीछे छोड़ा था, या 15 साल पहले एआई ने शतरंज में इंसानों को हराया था। यह वही साल है जब एआई प्रोग्रामिंग में इंसानों से आगे निकल जाएगा, और फिर कभी पीछे नहीं हटेगा।”
हर कोई बन सकेगा सॉफ्टवेयर डेवलपर
वेइल ने एआई-संचालित कोडिंग के बदलावकारी प्रभाव पर प्रकाश डाला। उनका कहना है कि यह सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट को सभी के लिए सुलभ बना देगा। “कल्पना करें कि अगर सॉफ्टवेयर बनाने के लिए आपको इंजीनियर होने की जरूरत न पड़े तो आप क्या-क्या कर सकते हैं। एआई का सॉफ्टवेयर में इंसानों से आगे निकलना, शतरंज में इंसानों को हराने से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है। सॉफ्टवेयर के जरिए आप जो चाहें बना सकते हैं। अगर हर कोई सॉफ्टवेयर बना सके, तो यह दुनिया पर कितना लोकतांत्रिक प्रभाव डालेगा।”
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि मानव विशेषज्ञता की अहमियत बनी रहेगी। “यह समझना कि कौन सी समस्याओं को हल करना है, अपने काम का फोकस कहां रखना है, और कहां से सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा—ये चीजें अभी भी मायने रखेंगी,” वेइल ने स्पष्ट किया।
एआई: नौकरियों का साथी, न कि विकल्प
वेइल के मुताबिक, एआई इंसानों की जगह पूरी तरह से नहीं लेगा, बल्कि हर नौकरी में उनकी मदद करेगा। “आप इसे हर दिन अपनी नौकरी में खुद को बेहतर बनाने के लिए इस्तेमाल करेंगे। लोग धीरे-धीरे इन एआई कर्मचारियों के मैनेजर बन जाएंगे, जो उनके लिए बुनियादी काम करेंगे,” उन्होंने भविष्यवाणी की।
निष्कर्ष
केविन वेइल का यह बयान तकनीकी दुनिया में एक नई बहस को जन्म दे सकता है। अगर उनकी भविष्यवाणी सच हुई, तो 2025 वह साल होगा जब कोडिंग में एआई की श्रेष्ठता स्थापित हो जाएगी। यह न केवल तकनीकी क्षेत्र में बल्कि समाज के हर पहलू में बड़े बदलाव ला सकता है।
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