एक फूल, अनेक फायदे: हारसिंगार से जुड़ी सेहत और सुंदरता की बातें
by: vijay nandan
धार्मिक, आध्यात्मिक और औषधीय महत्व एक साथ
क्या आपने कभी सोचा है कि पूजा-पाठ में हारसिंगार के फूलों का इतना खास स्थान क्यों होता है, खासकर जब बात माता पार्वती की हो? यह छोटा सा, लेकिन अत्यंत सुगंधित फूल — जिसे पारिजात, नाइट जैस्मिन या शैफालिका के नाम से भी जाना जाता है — सिर्फ अपनी सुंदरता के लिए ही नहीं, बल्कि कई गहरे धार्मिक और औषधीय कारणों से पूजनीय है।
हारसिंगार और माता पार्वती का आध्यात्मिक संबंध
धार्मिक मान्यताओं और पुराणों के अनुसार, माता पार्वती को पवित्रता, करुणा और विनम्रता अत्यंत प्रिय हैं। हारसिंगार इन सभी गुणों का प्रतीक है:
- प्रातःकाल धरती पर गिरता है — यह गुण इसे “अहंकाररहित” बनाता है। खुद गिरकर भक्तों के हाथों अर्पित होना इसकी विनम्रता का परिचायक है।
- मधुर, शांत और दिव्य सुगंध — जो ध्यान और पूजा के लिए उपयुक्त मानी जाती है।
- कोमलता और त्याग का प्रतीक — जैसे माता पार्वती स्वयं हैं, वैसे ही यह फूल भी।
यही कारण है कि देवी की पूजा में हारसिंगार अर्पित करना शुभ, फलदायक और आध्यात्मिक रूप से शुद्ध माना जाता है।

हारसिंगार का आयुर्वेदिक महत्व
हारसिंगार सिर्फ धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि स्वास्थ्य के लिहाज़ से भी बेहद उपयोगी है। आइए जानते हैं इसके आयुर्वेदिक लाभ:
1. बुखार और वायरल रोगों में उपयोगी
- पत्तियाँ मलेरिया, डेंगू और वायरल बुखार में फायदेमंद होती हैं।
- काढ़ा गठिया, संधिवात और सर्दी-खांसी में राहत देता है।
2. त्वचा और बालों की देखभाल
- फूलों से बना लेप चेहरे की चमक बढ़ाता है और दाग-धब्बों को कम करता है।
- पत्तियों का रस डैंड्रफ और बाल झड़ने की समस्या में उपयोगी है।
3. मानसिक स्वास्थ्य में सहायक
- इसकी खुशबू मन को शांत करती है और तनाव को घटाती है।
- इससे बनी चाय अनिद्रा और बेचैनी में राहत देती है।
- पारंपरिक चिकित्सा में इसे ‘ब्रेन टॉनिक’ माना जाता है।
धार्मिक और वातावरणीय महत्व
- हारसिंगार का पौधा घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता फैलाता है।
- रात्रि में इसकी सुगंध हवा को शुद्ध करती है और वातावरण को शांत बनाती है।
- मंदिरों और घरों में इसे लगाने की परंपरा इसी वजह से है।
हारसिंगार एक ऐसा फूल है जो माता पार्वती की करुणा, पवित्रता और शक्ति को पूरी तरह प्रतिबिंबित करता है। यह न केवल पूजा-पाठ में विशेष महत्व रखता है, बल्कि हमारे स्वास्थ्य, मन और वातावरण को भी संतुलित करने की क्षमता रखता है।
इसलिए, अगली बार जब आप माता पार्वती को पुष्प अर्पित करें, तो हारसिंगार को ज़रूर शामिल करें — यह केवल एक श्रद्धा नहीं, बल्कि प्रकृति और परंपरा का एक सुंदर संगम है।