गुजरात के वडोदरा जिले में महिसागर नदी पर बने पुल के ढहने की भयावह घटना में मृतकों की संख्या बढ़कर 18 हो गई है। लगातार तीसरे दिन भी राहत और बचाव कार्य जारी है, जबकि दो लोग अब भी लापता हैं। हादसे के बाद पूरे राज्य में हड़कंप मच गया है, और सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है।
क्या हुआ था हादसे में?
- स्थान: महिसागर नदी, वडोदरा, गुजरात
- समय: बुधवार सुबह
- घटना: पुल अचानक टूट गया और पांच वाहन—दो ट्रक, दो कार और एक रिक्शा—नदी में गिर गए।
- अब तक की पुष्टि: 18 लोगों की मौत, दो लोग लापता
राहत और बचाव अभियान जारी
शुक्रवार को भी NDRF और SDRF की 10 टीमें घटनास्थल पर तैनात हैं और रेस्क्यू अभियान चला रही हैं।
बचाव कार्य में आ रही हैं ये चुनौतियां:
- भारी बारिश और तेज बहाव
- नदी में गाद और कीचड़
- वाहनों का दलदल में फंसा होना
जिलाधिकारी अनिल धमेलिया ने बताया कि लापता लोगों की तलाश नदी की धारा में चार किलोमीटर दूर तक की जा रही है। हालांकि, कुछ वाहन जैसे कि एक कार और मिनी ट्रक में सवार लोगों की अभी तक कोई जानकारी नहीं मिल पाई है।
नदी में बन रहा अस्थायी पुल
बचाव कार्य को गति देने के लिए नदी के किनारे पर एक विशेष अस्थायी पुल का निर्माण किया जा रहा है, जिससे गहराई में डूबे वाहनों तक पहुंचा जा सके।
इस बीच, सड़क और भवन विभाग की एक टीम भी उच्च स्तरीय जांच के लिए घटनास्थल पर पहुंची है।
सरकार की कार्रवाई: चार इंजीनियर सस्पेंड
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए सड़क एवं भवन विभाग के चार इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है। ये हैं:
- अधिशाषी अभियंता एनएम नायकवाला
- उप कार्यकारी अभियंता यूसी पटेल
- उप कार्यकारी अभियंता आरटी पटेल
- सहायक अभियंता जेवी शाह
कार्रवाई के पीछे की वजह:
राज्य सरकार ने हादसे के बाद पुल की मरम्मत, निरीक्षण और गुणवत्ता की जांच को लेकर विशेष रिपोर्ट मांगी थी। इसी रिपोर्ट के आधार पर ये सख्त कदम उठाए गए हैं।
अब क्या?
- लापता लोगों की तलाश जारी
- बचाव दल अगले 24 घंटे तक सतर्क
- हादसे की तकनीकी जांच के आदेश
- राज्य सरकार द्वारा पीड़ितों के परिजनों को मुआवजा देने की संभावना
वडोदरा पुल हादसा न केवल एक गंभीर प्रशासनिक चूक को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि समय रहते ढांचे की समीक्षा और मेंटेनेंस कितना जरूरी है। अब पूरे प्रदेश की नजरें इस जांच और रेस्क्यू ऑपरेशन पर टिकी हैं।