BY: Yoganand Shrivastva
बलरामपुर: उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में कथित तौर पर सरकारी जमीन पर अवैध कब्जे के चलते बनी छांगुर बाबा की आलीशान हवेली पर बुलडोजर कार्रवाई की गई थी। अब प्रशासन ने इस पूरे ध्वस्तीकरण की लागत छांगुर बाबा से ही वसूलने की तैयारी कर ली है। प्रशासन बुलडोजर से लेकर सुरक्षाकर्मियों की तैनाती तक के हर खर्च का बारीकी से हिसाब लगा रहा है। जानकारी के मुताबिक, केवल बुलडोजर के किराए में ही सरकार को करीब 3 लाख 80 हजार रुपये का खर्च आया है।
अवैध निर्माण पर तीन बार भेजा गया नोटिस
बलरामपुर के उतरौला क्षेत्र स्थित ग्राम समाज की जमीन पर छांगुर बाबा ने भारी-भरकम हवेली का निर्माण कराया था। प्रशासन की तरफ से मई 2025 में उन्हें अवैध निर्माण हटाने के लिए तीन नोटिस भेजे गए थे। लेकिन जब निर्माण नहीं हटाया गया, तो नियमानुसार प्रशासन ने खुद कार्रवाई करते हुए बुलडोजर चलवा दिया। उत्तर प्रदेश के भूमि नियंत्रण अधिनियमों के मुताबिक, यदि कोई व्यक्ति सरकारी या ग्राम समाज की भूमि पर अवैध कब्जा करता है, तो प्रशासन उस निर्माण को हटाकर संबंधित व्यक्ति से खर्च वसूल सकता है।
3 दिन चला बुलडोजर एक्शन, खर्च की गई भारी राशि
हवेली को ढहाने की कार्रवाई तीन दिनों तक चली। इस दौरान हर दिन नौ बुलडोजर तैनात किए गए, जो प्रतिदिन लगभग सात घंटे चले। एक बुलडोजर का प्रति घंटे किराया 2,000 रुपये है, जिसमें ईंधन और चालक का मेहनताना शामिल है। इस तरह, एक दिन में एक बुलडोजर का खर्च 14,000 रुपये, और नौ बुलडोजरों का रोजाना खर्च 1,26,000 रुपये हुआ। तीन दिन की कार्रवाई में कुल बुलडोजर किराए पर आया 3,78,000 रुपये।
इसके अलावा, पूरे ऑपरेशन में लगभग 100 से अधिक पुलिसकर्मी, फायर ब्रिगेड और राजस्व विभाग के अधिकारी तैनात थे। इन कर्मचारियों का तीन दिन का वेतन भी छांगुर बाबा से वसूलने की तैयारी है। बलरामपुर के जिलाधिकारी पवन कुमार ने जानकारी दी है कि दो से तीन दिनों के भीतर पूरे खर्च का विस्तृत आंकलन तैयार कर लिया जाएगा।
अब ईडी भी आई मैदान में, मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू
बुलडोजर कार्रवाई के साथ-साथ अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने भी छांगुर बाबा के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से जांच शुरू कर दी है। लखनऊ एटीएस द्वारा दर्ज FIR के बाद ईडी ने छांगुर बाबा और उसके सहयोगियों की संपत्तियों की जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, छांगुर बाबा की कुल अनुमानित संपत्ति 100 करोड़ रुपये तक की है।
40 अकाउंट, 6 विदेशी बैंक – जाल जितना फैला, खतरा उतना बड़ा
ईडी की शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि छांगुर बाबा ने 40 से ज्यादा बैंक खाते खुलवाए हैं, जिनमें से 6 खाते विदेशी बैंकों में हैं। ये सभी खाते अलग-अलग संस्थाओं के नाम पर खोले गए थे, जिनमें से अधिकांश के दस्तावेज फर्जी पाए गए हैं। ईडी को शक है कि इन खातों के जरिये हवाला और फर्जी लेन-देन कर काले धन को सफेद किया गया है।
रिमांड पर एटीएस, आगे हो सकती हैं कई गिरफ्तारियां
फिलहाल छांगुर बाबा एटीएस की रिमांड पर है और पूछताछ जारी है। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं, और बाबा के कई सहयोगी भी जांच के दायरे में आ सकते हैं। कई दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं, जिन्हें फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
निष्कर्ष: कानून से ऊपर कोई नहीं
छांगुर बाबा का मामला यह साबित करता है कि चाहे किसी की कितनी भी पहुंच हो, कानून के आगे किसी को बख्शा नहीं जाएगा। अवैध कब्जा, फर्जी दस्तावेज और हवाला जैसे गंभीर मामलों में अब न केवल बुलडोजर चला, बल्कि उसकी लागत भी उसी पर डाली जा रही है जिसने कानून की अवहेलना की। यह कार्रवाई आने वाले समय में एक सख्त उदाहरण बन सकती है, जो अन्य अवैध कब्जेदारों के लिए चेतावनी का काम करेगी।