BY: Yoganand Shrivastva
पटना: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप यादव ने एक बार फिर सोशल मीडिया पर भावुक संदेश साझा करते हुए चुप्पी तोड़ी है। हाल ही में उनके अनुष्का यादव के साथ संबंधों को लेकर विवाद गहराने के बाद पार्टी और परिवार से तेज प्रताप को अलग कर दिया गया था। इसके बाद उन्होंने पहली बार खुलकर अपनी बात रखी है।
“मेरे अर्जुन से मुझे कोई जुदा नहीं कर सकता”
तेज प्रताप यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा,
“जो लोग मुझे मेरे अर्जुन से अलग करना चाहते हैं, वो कभी कामयाब नहीं होंगे। कृष्ण की सेना तो छीनी जा सकती है, लेकिन कृष्ण को नहीं।”
उन्होंने संकेतों में अपने भाई तेजस्वी यादव को अर्जुन बताया और खुद को कृष्ण, और लिखा कि वह जल्द ही हर साजिश को उजागर करेंगे।
“भाई, तुम मम्मी-पापा का ख्याल रखना”
तेज प्रताप ने आगे लिखा:
“मैं फिलहाल दूर हूं, लेकिन मेरा आशीर्वाद हमेशा तुम्हारे साथ है। मेरे प्यारे भाई, हर परिस्थिति में मैं तुम्हारे साथ हूं। मम्मी-पापा का ख्याल रखना। जयचंद हर जगह होते हैं — घर के अंदर भी और बाहर भी।”
इस पोस्ट में उन्होंने विश्वासघात करने वालों की ओर संकेत करते हुए कहा कि राजनीति में भी धोखा देने वाले मौजूद हैं।
“मेरी दुनिया मम्मी-पापा से शुरू होती है और उन्हीं पर खत्म”
इससे पहले सुबह भी तेज प्रताप ने एक भावनात्मक पोस्ट साझा किया था, जिसमें उन्होंने अपने माता-पिता के लिए लिखा:
“मेरे प्यारे मम्मी-पापा, मेरी पूरी दुनिया आप दोनों में ही सिमटी है। भगवान से भी बढ़कर आप दोनों मेरे लिए हो। आपके दिए हर आदेश को मैं सर आंखों पर रखता हूं।”
“पार्टी के कुछ लोग जयचंद की तरह हैं”
तेज प्रताप ने आगे लिखा:
“मुझे सिर्फ आपका प्यार और विश्वास चाहिए। कुछ लालची लोग राजनीति में जयचंद की तरह घुसे हुए हैं। अगर पापा ना होते, तो ना पार्टी होती और ना ही वो लोग राजनीति में होते।”
12 साल के रिश्ते के दावे के बाद विवाद
24 मई 2025 को तेज प्रताप यादव ने अपने सोशल मीडिया पर अनुष्का यादव के साथ तस्वीरें साझा कर यह दावा किया था कि वो पिछले 12 वर्षों से उनके साथ रिश्ते में हैं। हालांकि, थोड़ी देर बाद ही उन्होंने इसे अफवाह बताते हुए कहा था कि उनका सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो गया था।
लालू यादव का कड़ा फैसला
इस पूरे विवाद के बाद लालू प्रसाद यादव ने कड़ा रुख अपनाते हुए तेज प्रताप को पार्टी और घर दोनों से बाहर करने की घोषणा की। यह फैसला राजनीतिक और पारिवारिक स्तर पर गंभीर तनाव को जन्म देने वाला रहा।