महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर महाकाल मित्र मंडल द्वारा आज बुधवार को संस्कारधानी राजनांदगांव में महाकाल यात्रा निकाली गई। इस महाकाल यात्रा में 6 सालों से अलग-अलग थीम पर यात्रा निकाली जा रही है। इस बार इस भव्य शोभायात्रा में अन्य प्रदेशों से आये कलाकारों ने भी प्रस्तुति दी। इस यात्रा में पंथी नृत्य, राउत नाचा, सुआ नृत्य, धूमल, पगड़ी एवं रथ पालकी, अघोरी, भजन एवं गायक के माध्यम से पूर्ण किया गया।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर पूरा राजनांदगांव भगवान भोलेनाथ की भक्ति में डूबा है। राजनांदगांव में तो एक दिन पहले ही बाबा महाकाल की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। संस्कारधानी महाकाल मित्र मंडल के की ओर से शोभायात्रा का शुभारंभ शहर के गुरुद्वारा चौक से किया गया। इसके बाद मानव मंदिर चौक, गांधी चौक, भारत माता चौक होते हुए जयस्तंभ चौक पहुंचकर यात्रा का समापन हुआ। जहां आरती के बाद प्रसाद और रुद्राक्ष का वितरण किया गया। महाकाल यात्रा में अघोरियों ने शरीर पर भस्म लगाकर निकले। वहीं अग्निचक्र के भीतर अघोरियों के नृत्य ने सबका मन मोह लिया। शहर के विभिन्न मार्गों से निकली इस शोभायात्रा में हजारों लोग शामिल हुए और आरती व पूजन किया। बाबा महाकाल की शोभायात्रा भस्म आरती के रूप में शहर में घूमी। इस दौरान लोगों ने जयकारे लगाए और पूजन किया। महाकाल मित्र मंडल के अध्यक्ष निखिल द्विवेदी ने बताया कि यह छठवां वर्ष है, जब महाकाल यात्रा निकाली जा रही है। पांच बार मेरी जान मौत से बची है मेरे साथ कई बार हादसे हुए हैं। हर बार बाबा महाकाल की कृपा से मैं बाल-बाल बचा हुआ। इसलिए मैं कोशिश करता हूँ कि हर महीने उज्जैन जाकर बाबा महाकाल के लैस अर्जी लगाऊं। उस दिन मैंने विचार किया कि शहर में महाकाल यात्रा निकाली जाए और मैं आजीवन प्रतिवर्ष महाकाल यात्रा निकलूंगा।
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