जब सपने टूटते हैं, तब कुछ लोग हार मान लेते हैं। लेकिन कुछ लोग उन्हीं टुकड़ों से नई राह बना लेते हैं।
कर्नाटक की रहने वाली ऋतुपर्णा केएस ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया। मेडिकल और UPSC की असफलता को उन्होंने अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया, बल्कि उसी से नई प्रेरणा ली। नतीजा – आज वे Rolls Royce जैसी प्रतिष्ठित कंपनी में ₹72.3 लाख सालाना पैकेज पर काम कर रही हैं।
कौन हैं ऋतुपर्णा केएस?
- जन्म स्थान: कोडूर गांव, तीर्थहल्ली तालुका, कर्नाटक
- सपना: डॉक्टर बनना
- वर्तमान पद: इंजीनियर, Rolls Royce, UK
- उम्र: 20 वर्ष (2025 तक)
शुरुआती संघर्ष: NEET और UPSC में असफलता
ऋतुपर्णा का सपना था डॉक्टर बनने का। उन्होंने NEET की परीक्षा दी लेकिन उन्हें सरकारी MBBS सीट नहीं मिल पाई। इसके बाद उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की, लेकिन जल्द ही उसमें भी रुचि खो दी।
लेकिन यहीं से बदल गई ज़िंदगी की दिशा।
‘प्लान बी’ बना पैशन: रोबोटिक्स में करियर की शुरुआत
ऋतुपर्णा ने 2022 में सह्याद्रि कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट, मैंगलोर में रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। शुरुआत में यह एक विकल्प मात्र था, लेकिन जल्द ही यह उनका जुनून बन गया।
- कॉलेज के पहले दिन से ही उन्होंने एक्सप्लोरेशन शुरू किया
- रोबोटिक्स में रुचि बढ़ती गई
- किसानों के लिए बनाए उपयोगी प्रोजेक्ट्स
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान: INEX Conference में जीत
ऋतुपर्णा और उनकी टीम ने एक रोबोटिक स्प्रेयर और हार्वेस्टर तैयार किया जो सुपारी किसानों के लिए बेहद उपयोगी था। इसे INEX इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस, गोवा में प्रस्तुत किया गया।
- पुरस्कार: गोल्ड और सिल्वर मेडल
- प्रतिस्पर्धा: जापान, रूस, चीन, सिंगापुर जैसी टीमों से
Rolls Royce में इंटर्नशिप का संघर्ष और सफलता
ऋतुपर्णा ने Rolls Royce में इंटर्नशिप के लिए आवेदन किया। पहले कंपनी ने उनकी क्षमता पर सवाल उठाया, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी।
पहला टास्क:
- एक महीने का टास्क, सिर्फ 7 दिन में पूरा किया
- कंपनी इतनी प्रभावित हुई कि और जिम्मेदारियां सौंपीं
मेहनत का फल:
- दिसंबर 2024: प्री-प्लेसमेंट ऑफर ₹39.6 लाख
- अप्रैल 2025: पैकेज बढ़कर ₹72.3 लाख हो गया
सबसे कम उम्र की महिला इंजीनियर – Rolls Royce में
20 साल की उम्र में ऋतुपर्णा Rolls Royce की जेट इंजन निर्माण टीम का हिस्सा बनीं। खास बात यह है कि वे इस विभाग में काम करने वाली सबसे कम उम्र की भारतीय महिला इंजीनियर बन चुकी हैं।
ऋतुपर्णा की सफलता से क्या सीखें?
- असफलता अंत नहीं होती, यह शुरुआत हो सकती है
- ‘प्लान बी’ कभी भी ‘बैकअप’ नहीं होता, वह आपकी पहचान बन सकता है
- जुनून और समर्पण के साथ कोई भी लक्ष्य पाया जा सकता है
- तकनीकी क्षेत्र में महिलाएं भी बड़ी ऊंचाइयों को छू सकती हैं
FAQs – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
Q. ऋतुपर्णा को Rolls Royce में नौकरी कैसे मिली?
A. उन्होंने कंपनी के प्रोजेक्ट टास्क को शानदार तरीके से पूरा किया, जिससे उन्हें प्री-प्लेसमेंट ऑफर मिला और बाद में पैकेज भी बढ़ा।
Q. उनका एजुकेशनल बैकग्राउंड क्या है?
A. उन्होंने सह्याद्रि कॉलेज से रोबोटिक्स एंड ऑटोमेशन इंजीनियरिंग में पढ़ाई की।
Q. क्या उन्होंने कोचिंग ली थी?
A. नहीं, ऋतुपर्णा ने बिना किसी कोचिंग के अपनी दिशा खुद तय की।
निष्कर्ष: सपने बदल सकते हैं, लेकिन मेहनत का फल जरूर मिलता है
ऋतुपर्णा केएस की कहानी सिर्फ एक सफलता की कहानी नहीं, बल्कि यह इस बात का उदाहरण है कि असफलता भी सफलता का एक रास्ता हो सकती है। अगर आप भी NEET या UPSC में असफल हुए हैं, तो निराश न हों – शायद आपकी सफलता किसी और राह पर आपका इंतजार कर रही हो।