दुनिया में पहली बार एक महिला ने सिर्फ दिमाग की मदद से कंप्यूटर को कंट्रोल करने का कारनामा कर दिखाया है। 20 साल से पैरालाइज्ड ऑड्रे क्रूज एलन मस्क की ब्रेन-चिप कंपनी न्यूरालिंक के जरिए यह उपलब्धि हासिल करने वाली पहली महिला बन गई हैं।
सोचकर लिखा नाम और बनाए डूडल्स

ऑड्रे ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर तस्वीरें साझा कीं, जिनमें उन्होंने लिखा—
“मैंने 20 सालों में पहली बार अपना नाम लिखने की कोशिश की।”
- उन्होंने लैपटॉप की स्क्रीन पर “Audrey” हैंडरिटन लिखा।
- डूडल्स में एक रेड हार्ट, चेहरा, पक्षी और पिज्जा बनाया।
- उन्होंने बताया कि यह सब बिना किसी शारीरिक मूवमेंट के सिर्फ दिमागी निर्देशों से किया गया।
ऑड्रे ने समझाया कि जैसे किसी उंगली का लेफ्ट-क्लिक और कलाई का मूवमेंट सोचकर, वे कर्सर कंट्रोल करती हैं।
एलन मस्क का रिएक्शन
न्यूरालिंक के को-फाउंडर एलन मस्क ने X पर लिखा—
“वह सिर्फ सोचकर ही अपने कंप्यूटर को कंट्रोल कर रही हैं। ज्यादातर लोग सोच भी नहीं सकते कि यह संभव है।”
She is controlling her computer just by thinking. Most people don’t realize this is possible. https://t.co/5XnOaLfJU7
— Elon Musk (@elonmusk) July 27, 2025
कैसे हुआ चिप का इम्प्लांट?
- ऑड्रे क्रूज को न्यूरालिंक के प्राइम क्लिनिकल ट्रायल में पेशेंट-9 के रूप में शामिल किया गया।
- पिछले हफ्ते मियामी यूनिवर्सिटी के हेल्थ सेंटर में उनके मोटर कॉर्टेक्स में यह चिप लगाई गई।
- इस प्रोसेस के दौरान उनके दिमाग में 128 थ्रेड्स डाले गए।
मोटर कॉर्टेक्स मस्तिष्क का वह हिस्सा है जो चलने, हाथ हिलाने जैसे मूवमेंट को नियंत्रित करता है।
क्या करेगी यह चिप?
ऑड्रे ने बताया—
- यह इम्प्लांट उन्हें दोबारा चलने में मदद नहीं करेगा।
- लेकिन वे रीयल टाइम में दिमाग से डिजिटल डिवाइसेज कंट्रोल कर सकेंगी।
- जल्द ही वे वीडियो पोस्ट करके पूरी प्रक्रिया विस्तार से समझाएंगी।
न्यूरालिंक डिवाइस के फीचर्स
- फोन और कंप्यूटर को ब्रेन से जोड़ता है
- सिक्के के आकार का डिवाइस “लिंक” दिमाग के न्यूरल सिग्नल्स को पढ़कर मोबाइल और कंप्यूटर कंट्रोल करने में सक्षम है।
- कॉस्मेटिक रूप से अदृश्य
- ब्रेन में डाले गए माइक्रोन-स्केल थ्रेड्स बाहर से दिखाई नहीं देते।
- रोबोटिक इम्प्लांटेशन सिस्टम
- इंसानी हाथ से थ्रेड्स डालना असंभव है, इसलिए कंपनी ने एक सर्जिकल रोबोट बनाया है।
- चार्जिंग सुविधा
- डिवाइस को वायरलेस इंडक्टिव चार्जर से चार्ज किया जा सकता है।
न्यूरालिंक ट्रायल की पृष्ठभूमि
- सितंबर 2023: कंपनी को इंस्टीट्यूशनल रिव्यू बोर्ड से ह्यूमन ट्रायल की मंजूरी मिली।
- जनवरी 2024: पहला चिप नोलैंड आर्बॉ नामक पुरुष के दिमाग में लगाया गया, जो 2016 से पैरालाइज्ड थे।
- मई 2024: यूएस FDA से क्लिनिकल ट्रायल के लिए स्वीकृति मिली।
- ट्रायल उन मरीजों पर हो रहा है जिनके स्पाइनल कॉर्ड को चोट लगी है या ALS के कारण वे क्वाड्रिप्लेजिया से पीड़ित हैं।
अध्ययन को पूरा होने में करीब 6 साल लगेंगे और प्रतिभागियों को यात्रा खर्च भी दिया जा रहा है।
ब्रेन-कंप्यूटर इंटरफेस (BCI) क्या है?
- BCI एक ऐसी तकनीक है जो दिमाग में लगे इलेक्ट्रोड्स से न्यूरॉन्स के संकेत पढ़ती है।
- ये संकेत सॉफ्टवेयर द्वारा कर्सर मूवमेंट, टाइपिंग या रोबोटिक आर्म कंट्रोल जैसे कमांड्स में बदल जाते हैं।
ऑड्रे क्रूज का यह कारनामा चिकित्सा और तकनीकी दुनिया के लिए एक क्रांतिकारी कदम है। न्यूरालिंक की यह ब्रेन-चिप भविष्य में लाखों पैरालाइज्ड मरीजों के लिए नई उम्मीद लेकर आ सकती है।