मध्य प्रदेश में चौथे चरण के चुनावी रण को लेकर सियासी घमासान मचा हुआ है। आखिरी व चौथे चरण में एमपी की 8 सीटों पर मतदान होना है। चौथे चरण में मालवा-निमाड का ‘रण’… इंदौर, रतलाम, व धार सीटों पर रोचक बना हुआ है । इन सीटों पर दमदार मुकाबला है जहां बीजेपी का कांग्रेस कड़ी टक्कर दे रही है। कांग्रेस के नेता चौथे चरण की 8 में 3 सीटों पर जीत का दावा कर रहे हैं तो वहीं BJP दम दिखा रही है कि वो सभी सीटें जीत रही है। तो वहीं इंदौर लोकसभा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन वापस लेने से सियासी समीकरण काफी बदले हुए हैं।
एमपी में कांग्रेस-बीजेपी आमने-सामने
प्रदेश के चौथे चरण के रण में आखिरी जंग के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही तैयार हैं। दोनों ही दलों के अपने-अपने नेता हुंकार भर रहे हैं, जो दावे जीत के भी हैं। बीजेपी सभी सीटों को जीतने का दम भर रही है, तो कांग्रेस ये मानकर चल रही है, कि इस बार इन 8 सीटों में आधे पर उसका खाता खुलेगा। प्रदेश के अंतिम यानी चौथे चरण में 8 लोकसभा सीटों देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन और खंडवा पर मतदान है। इन सीटों पर जनता 13 मई को उम्मीदवारों का भविष्य ईवीएम में कैद करेगी। इस चरण में बीजेपी और कांग्रेस समेत दूसरे दलों और निर्दलीय के तौर पर कुल 74 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। इसमें 30 उम्मीदवार निर्दलीय हैं, जबकि 4 महिला उम्मीदवार हैं। यहां पर सीधा मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच है।
सियासी जानकारों की माने, तो इस फेज में आने वाली रतलाम सीट पर कांटे की टक्कर है। इसी तरह से धार सीट पर भी कुछ इसी तरह के समीकरण बन रहे हैं। इन दोनों लोकसभा सीटों की 16 विधानसभा सीटों में से 8 पर कांग्रेस का कब्जा है, तो 8 पर ही बीजेपी काबिज है। चौथे चरण में मालवा-निमाड का ‘रण’ है। जिनमें 8 सीटों के लिए चुनावी जंग लड़ी जाएगी। इन सीटों में देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगोन और खंडवा है।
चौथे चरण में इन सीटों पर मतदान
- इंदौर – भाजपा से शंकर लालवानी, कांग्रेस से प्रत्याशी नहीं
- देवास – भाजपा से महेंद्र सोलंकी, कांग्रेस से राजेंद्र मालवीय
- उज्जैन – भाजपा से अनिल फिरोजिया, कांग्रेस से महेश परमार
- मंदसौर – भाजपा से सुधीर गुप्ता, कांग्रेस से दिलीप सिंह गुर्जर
- रतलाम – भाजपा से अनिता चौहान, कांग्रेस से कांतिलाल भूरिया
- धार – भाजपा से सावित्री ठाकुर, कांग्रेस से राधेश्याम मुवेल
- खरगोन– भाजपा से गजेंद्र पटेल, कांग्रेस से पोरलाल खरते
- खंडवा- बीजेपी से ज्ञानेश्वर पाटिल कांग्रेस से नरेंद्र पटेल
दिलचस्प बनी इंदौर लोकसभा सीट
चौथे चरण में आने वाली इंदौर संसदीय सीट पर कांग्रेस, प्रत्याशी विहिन है। यहां पर बीजेपी एक तरफा जीत रही है। तो वहीं कांग्रेस नोटा पर वोट डालवाने के लिए संसदीय क्षेत्र में अभियान चला रखा है। इंदौर में कांग्रेस अक्षय कांति बम के नाम वापस लेने के बाद से नोटा का समर्थन कर रही है और लोगों को घर घर जाकर नोटा वाली चाय पिला रही है। जिसको लेकर बीजेपी कांग्रेस में आर-पार है। उधर बात देवास, खंडवा, मंदसौर और उज्जैन लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने आखिरी बार 2009 में चुनाव जीता था। अब ये तय बात है कि विधानसभा चुनाव के परिणाम के अनुसार कई सीटों पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर है। लेकिन इस बात को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता कि लोकसभा चुनाव के मुद्दे राष्ट्रीय स्तर के होते हैं। ऐसे में बीजेपी और कांग्रेस तमाम समीकरण के तहत जीत का दावा कर रही है।
कांग्रेस-बीजेपी के अपने-अपने दावे
बात रतलाम लोकसभा सीट के सियासी समीकरण की करें तो पिछले लोकसभा चुनाव यानी 2019 में बीजेपी ने कांग्रेस को हराया था। अभी की बात करें तो इस सीट पर बीजेपी ने महिला उम्मीदवार अनीता नागर सिंह चौहान को मैदान में उतारा है। जो कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को चुनौती दे रही हैं। इस लोकसभा सीट पर 8 विधानसभा में 5 सीटों पर बीजेपी का कब्जा है। ये सीट कांग्रेस का गढ़ रहा है यहां बीजेपी सिर्फ तीन बार ही जीत सकी है। तो वहीं धार लोकसभा सीट पर बीजेपी की सावित्री ठाकुर और कांग्रेस के राधेश्याम मावेल के बीच कांटे की टक्कर बताई जा रही है। इस सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के अपने-अपने जीत के दावे हैं। वहीं दूसरी तरफ खरगोन से बीजेपी उम्मीदवार गजेंद्र सिंह पटेल का मुकाबला कांग्रेस के उम्मीरदवार पोरलाल खरते, देवास में महेंद्र सिंह सोलंकी का मुकाबला राजेंद्र मालवीय, उज्जैन में अनिल फिरोजिया का मुकाबला महेश परमार है। तो मंदसौर में सुधीर गुप्ता का मुकाबला दिलीप सिंह गुर्जर, खंडवा में ज्ञानेश्वर पाटिल का मुकाबला नरेंद्र पटेल से है।
4 जून को आएंगे नतीजे
अब मध्यप्रदेश के चौथे चरण में 8 सीटों पर आखिरी मुकाबला है। जिसके बाद 4 जून का इंतजार प्रत्याशियों के साथ ही जनता को भी रहने वाला है। जब एमपी की 29 सीटों पर हुए मुकाबले का परिणाम आएगा। लेकिन उससे पहले प्रदेश की सभी 29 सीटों को बीजेपी और कांग्रेस के अपने अपने जीत के दावे हैं। कहीं कोई टक्कर नहीं होने की बात कह रहा है । तो वहीं कोई कह रहा है जनता का समर्थन हमें ही मिलेगा।