गाजा में इजरायल और हमास के बीच जारी युद्ध ने एक बार फिर दिल दहला देने वाला मोड़ ले लिया है। रविवार को गाजा पट्टी में एक शरणार्थी शिविर पर उस समय इजरायली मिसाइल गिर गई जब बच्चे पानी भर रहे थे। इस हमले में 43 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 8 मासूम बच्चे भी शामिल थे।
इजरायली सेना का दावा: निशाना कुछ और था
इजरायली सेना ने इस हमले को “तकनीकी त्रुटि” करार दिया है। उनका कहना है कि हमला जानबूझकर नहीं किया गया, बल्कि लक्ष्य कुछ और था।
स्थानीय आपातकालीन सेवाओं के अनुसार, इस हमले में कम से कम 10 लोग मौके पर मारे गए और 17 से अधिक घायल हुए।
जल संकट से जूझ रहा है गाजा
गाजा में बीते कुछ हफ्तों से पानी और ईंधन की भारी कमी है:
- सीवेज सिस्टम बंद हो चुके हैं
- जल आपूर्ति केंद्रों पर भीड़ लगी रहती है
- लोग बूंद-बूंद पानी के लिए भटक रहे हैं
इसी पानी की तलाश में कई बच्चे जल वितरण केंद्र पर जुटे थे, तभी यह भीषण हमला हुआ।
चश्मदीदों ने सुनाई दर्दनाक आपबीती
● खालिद रय्यान (स्थानीय निवासी)
“हम दो जोरदार धमाकों की आवाज से उठे। हमारे पड़ोसी और उनके बच्चे मलबे में दबे हुए थे।”
● महमूद अल-शमी (स्थानीय)
“हम पर जो बीता है, वैसा मानव इतिहास में कभी नहीं हुआ… बस अब ये युद्ध रुक जाना चाहिए।”
अन्य क्षेत्रों में भी हमले, मृतकों की संख्या बढ़ी
- गाजा सिटी के बाजार पर हमला: 11 लोगों की मौत
- नुसेरात शिविर में ड्रोन हमला: 10 की जान गई
- अल-मवासी तटीय इलाका, जहां विस्थापितों के तंबू पर हमला हुआ, वहां भी 3 मौतें दर्ज की गईं
खाद्य सहायता केंद्र पर फायरिंग, 17 की मौत
शनिवार को गाजा में खाद्य सहायता लेने जुटी भीड़ पर गोलीबारी में 17 लोगों की जान गई। संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों ने चेताया कि:
- ईंधन की कमी से अस्पताल और राहत सेवाएं ठप हो रही हैं
- खाद्य संकट चरम पर पहुंच चुका है
इजरायली जवाब: “हमने चेतावनी के लिए गोली चलाई”
इजरायली सेना ने सफाई में कहा:
- उन्होंने केवल चेतावनी के तौर पर गोली चलाई थी
- शुरुआती जांच में कोई सीधा संबंध नहीं मिला है कि उनकी गोलीबारी से मौतें हुईं
साथ ही, सेना का दावा है कि पिछले 24 घंटों में उन्होंने 150 से अधिक आतंकी ठिकानों पर हमले किए। इनमें हथियार डिपो, टैंक रोधी ठिकाने और स्नाइपर ठिकाने शामिल थे।
गाजा में हर दिन बढ़ रही है तबाही
गाजा में हालात हर दिन और भयावह हो रहे हैं। जल संकट, ईंधन की कमी, और अब बच्चों की मौत ने इस संघर्ष को मानवीय संकट में बदल दिया है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय से शांति और राहत की तत्काल अपील की जा रही है।