रिपोर्ट: देवेंद्र जायसवाल
Indore news: पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेई की जन्मशताब्दी के अवसर पर इंदौर में एक गरिमामय कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव विशेष रूप से उपस्थित रहे। आयोजन के दौरान अटल जी के जीवन, विचारों और योगदान को स्मरण करते हुए उनके व्यक्तित्व पर विस्तार से प्रकाश डाला गया।
उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन ने अपने संबोधन में कहा कि अटल बिहारी वाजपेई साधारण नहीं, बल्कि असाधारण व्यक्तित्व के धनी थे। वे एक कुशल राजनेता ही नहीं, बल्कि संवेदनशील कवि, चिंतक और शिक्षक भी थे। उन्होंने अटल जी से जुड़ी अपनी पहली मुलाकात और राज्यपाल बनने के शुरुआती अनुभवों के संस्मरण साझा किए। साथ ही इंदौर की स्वच्छता की सराहना करते हुए नागरिकों को बधाई दी। उपराष्ट्रपति ने कहा कि उनका राजनीतिक दृष्टिकोण अटल जी के विचारों से प्रेरित है और आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हीं आदर्शों को आगे बढ़ाते हुए देश को प्रगति की दिशा में ले जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेई एक शिखर पुरुष थे, जिन्होंने संघ कार्यकर्ता से लेकर देश के प्रधानमंत्री तक का सफर तय किया और अपना संपूर्ण जीवन राष्ट्र सेवा में समर्पित कर दिया। उन्होंने बताया कि केंद्र और प्रदेश की सरकारें अटल जी के विचारों और संकल्पों को धरातल पर उतारने के लिए लगातार कार्य कर रही हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल जी का मध्यप्रदेश से विशेष लगाव रहा और यहीं से निकलकर उन्होंने देश और दुनिया में भारत का मान बढ़ाया।
मुख्यमंत्री ने अटल जी के बहुआयामी योगदान को रेखांकित करते हुए कहा कि उन्होंने पत्रकार, संगठनकर्ता और कुशल राजनेता के रूप में देश को नई दिशा दी। संयुक्त राष्ट्र में हिंदी में भाषण देकर भारत की सांस्कृतिक पहचान को मजबूत किया, परमाणु परीक्षण के माध्यम से देश को सामरिक शक्ति प्रदान की और कारगिल युद्ध के समय सेना का मनोबल ऊंचा रखा। उन्होंने कहा कि केवल दो सांसदों वाली पार्टी को राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाना और अनेक दलों के साथ सफलतापूर्वक सरकार चलाना अटल जी की अद्भुत राजनीतिक क्षमता को दर्शाता है।
कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने कहा कि उपराष्ट्रपति का प्रदेश आगमन सभी के लिए गौरव का विषय है। उन्होंने अटल जी को लोकतंत्र का सशक्त प्रहरी बताते हुए कहा कि आपातकाल के दौरान भी उन्होंने निर्भीक होकर लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा की। अटल जी विनम्रता, शालीनता और राष्ट्रधर्म के प्रतीक थे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। अटल फाउंडेशन की अध्यक्ष और अटल बिहारी वाजपेई की भतीजी माला तिवारी ने अतिथियों का स्वागत कर उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट किए। इस अवसर पर साहित्यकारों का सम्मान किया गया। वरिष्ठ भाजपा नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सत्यनारायण जटिया ने अटल जी की कविताएं सुनाकर पूरे वातावरण को भावुक बना दिया।





