BY: Yoganand Shrivastva
नई दिल्ली/इस्लामाबाद: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकवादी हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान जाने के बाद भारत ने कड़ा कदम उठाते हुए सिंधु जल संधि को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है। भारत के इस फैसले के बाद पाकिस्तान की ओर से जो प्रतिक्रिया आई है, वह हैरान करने वाली है।
दरअसल, पाकिस्तान ने चोलिस्तान नहर परियोजना को रोकने का ऐलान कर दिया है। अब सवाल यह उठता है कि जब भारत पानी ही नहीं देगा, तो पाकिस्तान नहर बनाकर करेगा भी क्या?
सिंध प्रांत में पहले से चल रहा था विवाद
पाकिस्तान की पंजाब सरकार ने कुछ महीनों पहले चोलिस्तान रेगिस्तान क्षेत्र की सिंचाई के लिए इस नहर परियोजना की शुरुआत की थी। इसका उद्घाटन सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर और पंजाब की मुख्यमंत्री मरियम नवाज ने फरवरी में किया था। लेकिन यह परियोजना शुरुआत से ही विवादों में घिरी रही।
सिंध प्रांत में इस परियोजना को लेकर बड़ा विरोध हुआ था। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) समेत कई राजनीतिक दलों ने इसके खिलाफ सड़क पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किए। दिलचस्प बात यह है कि PPP, केंद्र में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के साथ सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा है।
शरीफ और बिलावल एक साथ आए
भारत की कार्रवाई के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने PPP प्रमुख बिलावल भुट्टो जरदारी से मुलाकात की और दोनों ने मिलकर चोलिस्तान नहर परियोजना को फिलहाल रोकने पर सहमति जताई।
उन्होंने यह भी तय किया कि इस विवादास्पद परियोजना को तब तक आगे नहीं बढ़ाया जाएगा जब तक कि ‘काउंसिल ऑफ कॉमन इंटरेस्ट्स’ के माध्यम से प्रांतों के बीच कोई आम सहमति नहीं बन जाती।
आगे की दिशा पर सहमति
पाकिस्तान के अखबार डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, प्रधानमंत्री शरीफ और बिलावल ने संयुक्त रूप से प्रेस को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की ओर से की गई घोषणाओं और देश की आंतरिक स्थिति को देखते हुए दोनों दलों ने विचार-विमर्श किया है।
शरीफ ने कहा, “हमने यह तय किया है कि जब तक सभी प्रांतों के बीच सहमति नहीं बनती, तब तक किसी नई नहर परियोजना को मंजूरी नहीं दी जाएगी और न ही वर्तमान में चल रही परियोजनाओं पर कोई आगे की कार्रवाई होगी।”