हाईकोर्ट ने 10 साल की सजा रखी बरकरार, निचली अदालत ने माना था दोषी
18 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ सहमति से शारीरिक संबंध बनाना भी रेप की दृष्टि में आता है। पुलिस व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है। यह बात बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने सुनवाई के दौरान कही। कोर्ट ने नाबालिग पत्नी के साथ रेप के आरोपी की 10 साल की सजा बरकरार रखी है। बता दें कि निचली अदालत ने नाबालिग पत्नी के रेप के मामले में व्यक्ति को दोषी करार दिया था। कोर्ट ने अपीलकर्ता को पॉक्सों एक्ट के तहत दोषी पाया था, बाद में दोषी ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
जानकारी के मुताबिक वर्धा जिले की निचली अदालत ने एक युवक को पॉक्सो एक्ट के तहत दोषी पाया था। इसके बाद युवक ने हाईकोर्ट में अपील की। अपीलकर्ता को नाबालिग लड़की की शिकायत के बाद 25 मई 2019 को गिरफ्तार किया गया था। उस समय लड़की 31 हफ्ते की गर्भवती थी। पीड़ित का कहना था कि, दोनों के बीच प्रेम प्रसंग था और अपीलकर्ता ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए तथा शादी का झूठा वादा किया। जब पीड़िता गर्भवती हुई तो अपीलकर्ता ने अबॉर्शन कराने का दबाव बनाया। बाद में अपीलकर्ता ने मंदिर में जाकर नकली शादी की और पीड़िता को विश्वास दिलाया कि, वह उसकी पत्नी है लेकिन अपीलकर्ता अबॉर्शन कराने का लगातार दबाव बनाने लगा, जिस पर पीड़िता ने मना कर दिया। इसको लेकर अपीलकर्ता पीड़िता को परेशान करने लगा तब जाकर पीड़िता को समझ आया कि शादी सिर्फ दिखावा है। जिसके बाद पीड़िता ने अपने पिता के साथ थाने पहुंचकर रिपोर्ट दर्ज कराई और पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया।