ग्वालियर की चेतकपुरी-महल रोड एक बार फिर बारिश के बाद धंसक गई है। पिछले 12 दिनों में यह रोड 8 बार बैठ चुकी है। इस समस्या के निराकरण के लिए भोपाल से नगरीय प्रशासन विभाग की दो सदस्यीय टीम ग्वालियर पहुंची। टीम ने रविवार को प्रभावित स्थलों का निरीक्षण कर तकनीकी खामियों पर गंभीर सवाल उठाए।
भोपाल से आई जांच टीम ने क्या पाया?
निरीक्षण में ये प्रमुख खामियां उजागर हुईं:
- सड़क पर बरसात के पानी की निकासी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं है।
- सड़क किनारे बनी नालियों की तरफ ढलान नहीं दी गई।
- पानी भरने से रोड की नींव कमजोर हुई, जिससे सड़क बार-बार धंस रही है।
टीम ने स्पष्ट कहा कि ठेकेदार पत्र लिखकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता। यदि पहले से सड़क धंसने की आशंका थी तो कार्य क्यों किया गया?
कौन-कौन आए थे जांच करने?
भोपाल से आए जांच दल में शामिल थे:
- प्रदीप एस. मिश्रा (ई एंड सी, नगरीय प्रशासन विभाग)
- आईके पांडेय (पूर्व महानिदेशक, NHAI)
इन अधिकारियों ने चेतकपुरी से महल रोड तक हर उस पॉइंट की जांच की जहां बार-बार सड़क धंसक रही है।
जांच दल की रिपोर्ट में संभावित सवाल
जांच दल अपनी रिपोर्ट में निम्नलिखित मुद्दे उठाएगा:
- जब सड़क का बेस तैयार नहीं था, तो कार्य क्यों हुआ?
- ठेकेदार ने यदि खतरे की आशंका जताई थी, तो समाधान क्यों नहीं निकाला गया?
- निर्माण के बाद भी बारिश में सड़क का धंसना ठेकेदार की लापरवाही को दर्शाता है।
किसे ठहराई जा रही ज़िम्मेदारी?
- दो इंजीनियर निलंबित किए जा चुके हैं।
- परंतु ठेकेदार पर कोई कार्रवाई नहीं की गई, जिससे प्रशासन पर सवाल उठने लगे हैं।
तकनीकी गलतियां जो बार-बार धंसकने का कारण बनीं
चेतकपुरी रोड के बार-बार धंसने के तीन बड़े कारण:
- पाइपलाइन डालने के बाद गड्ढों को मुरम की बजाय चिकनी मिट्टी से भरा गया।
- मिट्टी को साधारण रोलर से कुटाई किया गया, जबकि “वाइ-बैटिंग तकनीक” जरूरी थी।
- पानी गिरते ही मिट्टी अंदर बैठ गई, जिससे सड़क का सतह धंस गया।
करोड़ों के प्रोजेक्ट में लापरवाही
विवरण | जानकारी |
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प्रोजेक्ट | स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज सिस्टम + रोड कंस्ट्रक्शन |
कुल लागत | ₹18.31 करोड़ |
टेंडर कीमत | ₹14.50 करोड़ (ड्रेनेज), ₹4.09 करोड़ (सड़क) |
कंपनी | जैन एंड राय (ड्रेनेज), एचएनएस (रोड) |
भुगतान | ₹12 करोड़ (ड्रेनेज), ₹2 करोड़ (सड़क) |
निर्माण क्षेत्र | कुलदीप नर्सरी से फूलबाग चौपाटी (2800 मीटर) |
पाइप गहराई | 4 से 7 मीटर तक |
क्या बोले जांच अधिकारी?
प्रदीप एस मिश्रा (ई एंड सी, नगरीय प्रशासन भोपाल) ने कहा:
“हमने हर तकनीकी पहलु की जांच की है। अब रिपोर्ट बनाकर शासन को सौंपेंगे। रिपोर्ट में ठेकेदार और निर्माण की जिम्मेदारियों का पूरा विवरण होगा।”
लापरवाही से करोड़ों के प्रोजेक्ट पर सवाल
ग्वालियर की चेतकपुरी-महल रोड बार-बार धंसने की घटना सिर्फ एक निर्माण गलती नहीं, बल्कि बड़ी लापरवाही और सिस्टम फेलियर का प्रतीक है। जांच में जो तथ्य सामने आए हैं, वे यह स्पष्ट करते हैं कि ठेकेदार और इंजीनियर दोनों की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। यह मामला अब न सिर्फ ग्वालियर बल्कि प्रदेश स्तर पर बड़ा मुद्दा बन चुका है।