Report: Arvind Chouhan
ग्वालियर: शहर में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी और रोहिंग्या नागरिकों की आशंका के बीच जिला प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। कलेक्टर एवं जिला दंडाधिकारी रुचिका चौहान ने भारतीय न्याय संहिता की धारा-163 के तहत प्रतिबंधात्मक आदेश जारी करते हुए सभी मकान मालिकों और संस्थानों को अपने किराएदारों व कर्मचारियों का पूरा सत्यापन अनिवार्य कर दिया है। आदेश के अनुसार, सभी को 15 दिन के भीतर संबंधित थाने में पहचान पत्र सहित जरूरी दस्तावेज जमा करना होंगे, अन्यथा उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
दरअसल, पुलिस अधीक्षक की रिपोर्ट के आधार पर यह कदम उठाया गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय द्वारा अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। हाल ही में ग्वालियर में 9 बांग्लादेशी नागरिकों के मिलने के बाद प्रशासन और पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर आ गए हैं। पुलिस को आशंका है कि कुछ संदिग्ध लोग नाम बदलकर किराए के मकानों में रह रहे हैं या अलग-अलग संस्थानों में काम कर रहे हैं, जिनकी गतिविधियां आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकती हैं।
इसी को ध्यान में रखते हुए जिले के सभी मकान मालिकों को अपने किराएदारों की संपूर्ण जानकारी पुलिस को देना अनिवार्य किया गया है। इसमें पहचान से जुड़े सभी आवश्यक दस्तावेज शामिल होंगे। कलेक्टर द्वारा जारी यह आदेश दो माह तक प्रभावी रहेगा। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा-223 और अन्य दंडात्मक प्रावधानों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन का कहना है कि यह कदम शहर की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और बाहरी संदिग्ध तत्वों पर निगरानी बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है।





