BY: Yoganand Shrivastava
गाजियाबाद | दिल्ली से सटे गाजियाबाद के कविनगर इलाके में स्थित एक आलीशान कोठी नंबर KB-35 अचानक सुर्खियों में आ गई है। इस सफेद रंग की कोठी के मुख्य द्वार पर दूतावास का फर्जी बोर्ड और उसके सामने खड़ी डिप्लोमैटिक नंबर प्लेट वाली 4 लग्जरी कारें काफी समय से रहस्य का विषय थीं।
22 जुलाई की रात करीब 11:30 बजे, उत्तर प्रदेश एसटीएफ (STF) ने इस कोठी पर छापा मारा और एक अंतरराष्ट्रीय ठग गिरोह का पर्दाफाश किया।
हर्षवर्धन: मास्टरमाइंड या राजनयिक मुखौटे वाला ठग?
छापेमारी के दौरान STF ने हर्षवर्धन नामक व्यक्ति को हिरासत में लिया, जो खुद को राजनयिक बताता था। जांच में पता चला कि हर्षवर्धन ने चार देशों में कंपनियां रजिस्टर्ड कर रखी हैं और अपने कनेक्शनों का झूठा हवाला देकर फर्जी राजनयिक पहचान बनाकर लोगों को ठगता था।
उसके कब्जे से बरामद हुआ:
- ₹44 लाख नकद
- चार महंगी लग्जरी कारें, जिनमें से कुछ पर राजनयिक नंबर प्लेट लगी थीं
- फर्जी कागजात, नकली राजनयिक पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज
स्विट्जरलैंड से जुड़ा 300 करोड़ का बड़ा घोटाला
जांच में सामने आया कि हर्षवर्धन का एक सहयोगी, जिसने खुद को उसका बिजनेस पार्टनर बताया, स्विट्जरलैंड में करीब ₹300 करोड़ की ठगी को अंजाम दे चुका है। यह ठगी अंतरराष्ट्रीय निवेश के नाम पर की गई थी, जिसमें कई विदेशी नागरिक भी शिकार बने।
ऐसे करता था लोगों को शिकार
हर्षवर्धन और उसके गैंग का तरीका बेहद चौंकाने वाला था:
- दूतावास जैसा माहौल बनाकर हाईप्रोफाइल छवि प्रस्तुत करना
- राजनयिक लाभ और टैक्स छूट का झांसा देकर निवेशकों को लुभाना
- विदेश में व्यापार या राजनयिक नेटवर्क का हवाला देकर लोगों से बड़ी रकम वसूलना
- खुद को UN और इंटरनेशनल डिप्लोमैटिक मिशन से जुड़ा हुआ बताना
कविनगर की कोठी: फर्जीवाड़े का हेडक्वार्टर
जहां STF ने छापा मारा, वो कोठी नंबर KB-35 लंबे समय से रहस्यमयी गतिविधियों का केंद्र बनी हुई थी। आसपास के लोगों ने भी बताया कि वहाँ अक्सर विदेशी नंबर प्लेट वाली गाड़ियां और सूट-बूट में घूमते लोग आते-जाते रहते थे।
स्थानीय पुलिस को भी इस कोठी को लेकर पहले कोई ठोस जानकारी नहीं थी, लेकिन STF की सूचना पर कार्यवाही की गई।
अब आगे क्या?
STF की कार्रवाई के बाद अब हर्षवर्धन के खिलाफ FIR दर्ज की जा चुकी है और उसके अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन की भी जांच हो रही है।
जांच एजेंसियां अब यह भी जानने में जुटी हैं कि:
- उसका नेटवर्क किन-किन देशों में फैला है?
- क्या उसने सरकारी तंत्र में भी किसी को अपने प्रभाव में लिया था?
- और उसके शिकार बने लोगों की असली संख्या कितनी है?
STF की अपील
उत्तर प्रदेश STF ने आम जनता से अपील की है कि अगर किसी ने हर्षवर्धन या उसके गिरोह के साथ कोई लेन-देन किया हो, या ठगे जाने की आशंका हो, तो वह तत्काल पुलिस से संपर्क करें।
हर्षवर्धन जैसे हाईप्रोफाइल फ्रॉड अब सिर्फ फिल्मों की स्क्रिप्ट तक सीमित नहीं रह गए हैं। इस घटना ने दिखा दिया कि कैसे एक शातिर दिमाग ‘राजनयिक पहचान’ का मुखौटा पहनकर करोड़ों की ठगी कर सकता है। ऐसे में जनता को जागरूक और सतर्क रहने की जरूरत है।