मुंबई: अमेरिकी दवा कंपनी एली लिली ने गुरुवार को भारत में अपनी एंटी-ओबेसिटी दवा माउंजारो (Mounjaro) लॉन्च की। यह दवा मोटापा और टाइप-2 डायबिटीज के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाती है। इसकी कीमत ₹14,000 से ₹17,500 प्रति महीने होगी। हालांकि, जल्द ही इस दवा को भारत में कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है, क्योंकि अन्य विदेशी फार्मा कंपनियां भी इसी तरह के उत्पाद लॉन्च करने की तैयारी में हैं।
दवा की कीमत और उपयोग
- 2.5 mg वायल की कीमत ₹3,500 और 5 mg वायल की कीमत ₹4,375 होगी।
- यह इंजेक्शन वाली दवा है, जिसे हफ्ते में एक बार लेना होगा।
- अमेरिका में इस दवा की कीमत लगभग $1,000 (₹86,315) प्रति महीने है, लेकिन भारत में इसे किफायती दामों पर पेश किया गया है।
एली लिली ने कहा कि यह कीमत भारतीय बाजार के लिए विशेष रूप से तय की गई है, जो कंपनी की नवीन उपचारों तक पहुंच बढ़ाने की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
प्रतिस्पर्धा और भविष्य
माउंजारो को भारत में पहली बार लॉन्च करने से एली लिली को पहले मूवर का फायदा मिला है, लेकिन यह ज्यादा समय तक नहीं रह सकता। 2026 में सेमाग्लूटाइड (Semaglutide) नामक दवा, जिसका ब्रांड नाम ओजेम्पिक (Ozempic) है, भारत में पेटेंट से बाहर हो जाएगी। इसके बाद सिप्ला, डॉ. रेड्डीज, ल्यूपिन, नैटको फार्मा, मैनकाइंड फार्मा और बायोकन जैसी कंपनियां ओजेम्पिक की जेनेरिक कॉपी लॉन्च करने की तैयारी में हैं।
सिस्टेमैटिक्स ग्रुप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष विशाल मंचंदा के मुताबिक, “सेमाग्लूटाइड की जेनेरिक दवाएं एली लिली की वर्तमान कीमत से लगभग 95% सस्ती होंगी।” इसके साथ ही, भारत की सबसे बड़ी फार्मा कंपनी सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज भी अपनी खुद की GLP-1 दवा पर काम कर रही है।
मोटापे और डायबिटीज की बढ़ती समस्या
भारत में मोटापे और डायबिटीज की समस्या तेजी से बढ़ रही है। 2021 तक लगभग 180 मिलियन भारतीय मोटापे या अधिक वजन के शिकार थे। लैंसेट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, 2050 तक यह संख्या 450 मिलियन तक पहुंच सकती है।
निष्कर्ष
एली लिली का माउंजारो भारत में एक बड़ा कदम है, लेकिन आने वाले समय में प्रतिस्पर्धा और जेनेरिक दवाओं के कारण इसका बाजार हिस्सा कम हो सकता है। फिर भी, यह दवा मोटापे और डायबिटीज के इलाज में एक नई उम्मीद लेकर आई है।
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