संवाददाता: राजेंद्र बिल्लौरे
हरदा : खबर मध्यप्रदेश के हरदा जिले से है जहाँ,ग्राम पंचायतों में सरपंच सचिव द्वारा किए गए भृष्टाचार को एक आडिटर उजागर करता है। लेकिन अगर आडिटर ही भ्रष्टाचार करने लगे तो अंजाम पलासनेर ग्राम पंचायत जैसा होता है जहाँ उपसरपंच ओर ग्रामीणों ने सरपंच सचिव और ऑडिटरों की मिलीभगत से लाखों के भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है और कलेक्टर तथा जिला पंचायत सीईओ से शिकायत कर जाँच की मांग
हरदा जिले की जनपद पंचायत हरदा के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत पलासनेर में लाखों रुपये की गंभीर वित्तीय अनियमितताओं और भारी भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। स्थानीय ग्रामवासियों ने आवेदक नारायण सिंह चौहान के नेतृत्व में कलेक्टर ओर जिला पंचायत सचिव को लिखित शिकायत सौंपकर सरपंच सरोज चौरसिया, सचिव ओमप्रकाश गुर्जर और ग्राम रोजगार सहायक पर तत्काल कार्रवाई और उच्च-स्तरीय जाँच कर दोषियों के खिलाफ उचित कार्यवाही की मांग की है।
वीओ 2 ग्राम पंचायत पलासनेर के ग्रामीणों के आरोप है कि सरपंच सचिव ओर आडिटर की मिलीभगत से सरकारी विकास राशि का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग किया जा रहा है। सरपंच शासकीय राशि का उपयोग अपने निजी मकान निर्माण में कर रही हैं दो अलग-अलग तालाबों (फतेहचंद्र और नरेंद्र के खेत में) के निर्माण के लिए स्वीकृत कुल 5,98,507 की राशि में से 2,18,196 का भुगतान पोर्टल के माध्यम से हो चुका है, लेकिन मौके पर तालाब नदारद है।
ग्रामीणों के अनुसार दो CC सड़कों के लिए 5,74,000 की राशि स्वीकृत हुई, जिसका भुगतान भी हो चुका है, लेकिन दोनों सड़कें आज तक नहीं बनी एक अन्य CC सड़क 2,55,000 की लागत से बनी लेकिन मात्र 6 महीने में ही जर्जर हो गई है जो घटिया निर्माण का प्रमाण है। 14 लाख 50 हजार की लागत से बना स्टॉप डैम भी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया जिसके गेट तुरंत टूट गए और इसकी ऊँचाई-गहराई भी नियमों के अनुसार नहीं रखी गई, जिससे किसानों को कोई लाभ नहीं मिल रहा है। मुक्तिधाम की बाउंड्रीवॉल में भी हेर फेर की बात कही। नाली में डाले गए 93,000 के पाइप भी गुणवत्ता हीन है पंचायत सचिव द्वारा नियमों का उल्लंघन करते हुए सरपंच के बेटे के बैंक खाते में लगातार भुगतान किया गया है। इसके साथ ही 1 लाख 20 हजार की स्ट्रीट लाइट खरीद में भी घोटाला सामने आया है, जहाँ कई वार्डों में लाइटें न लगने के बावजूद भारी-भरकम बिलों का भुगतान करने की बात कही।विगत वर्षों में जिन ऑडिटरों ने पंचायत को ‘क्लीन चिट’ दी, उन्होंने सरपंच-सचिव से मिलीभगत कर नियमों का उल्लंघन किया और ग्रामीणों को सूचना दिए बिना चुपके से ऑडिट कर दिया। ग्रामीणों ने ऐसे ऑडिटरों पर भी कड़ी कार्रवाई की मांग की है। ग्रामीणों ने शिकायत पर कार्यवाही नही होने पर मामला कोर्ट में ले जाने की चेतावनी दी है।
अजय मिश्रा मैं पंचायत का उपसरपंच हूँ मुझे ही नही पता कि मेरे ही गांव का निवासी ओर मीडिया कर्मी ने मेरी पंचायत का ऑडिट किया है अजय मिश्र ने मीडिया पर तंज कसते हुए कहा कि शायद सरकार की नई योजना आ गई हो कि अब पत्रकार को भी ऑडिट कर सकते हो। जिला पंचायत सीईओ अंजली जोसेफ का कहना मुझे आज ही शिकायत मिली है कि पलासनेर ग्राम पंचायत में वित्तीय अनियमितता हुई है हम इसकी जांच कराकर न्याय संगत कार्यवाही करेंगे।





