24 अगस्त 2025 को भारतीय टेस्ट क्रिकेट के भरोसेमंद बल्लेबाज चेतेश्वर पुजारा ने इंटरनेशनल और घरेलू क्रिकेट के सभी फॉर्मेट से संन्यास लेने का ऐलान किया। इस खबर ने उनके लाखों फैंस को हैरान कर दिया।
भारत के लिए 103 टेस्ट खेलने वाले पुजारा ने बताया कि संन्यास का विचार अचानक नहीं, बल्कि गहराई से सोचने के बाद लिया गया। उन्होंने कहा कि अब समय है नई पीढ़ी को मौके देने का।
क्यों लिया संन्यास का फैसला?
ANI से बातचीत में पुजारा ने कहा:
- “यह प्लान मेरे दिमाग में पिछले एक सप्ताह से चल रहा था।”
- “मैं लंबे समय से भारतीय टीम का हिस्सा नहीं था।”
- “युवा खिलाड़ियों को घरेलू क्रिकेट में मौके मिल रहे हैं, इसलिए मुझे लगा कि अब आगे बढ़ना जरूरी है।”
पुजारा ने बताया कि इस फैसले से पहले उन्होंने अपने परिवार और कुछ बड़े खिलाड़ियों से बातचीत की और सभी से सलाह लेने के बाद ही आखिरी निर्णय लिया।
#WATCH | Rajkot, Gujarat | On his retirement from all forms of Indian cricket, Cheteshwar Pujara says, "It has been a great journey so far… I made my debut with the under-19 Indian team, followed by my debut with the Indian team in 2010… I got the opportunity to play… pic.twitter.com/T0cOPMFRVe
— ANI (@ANI) August 24, 2025
टेस्ट डेब्यू पर यादगार लम्हा
पुजारा ने अपने 2010 के डेब्यू को करियर का सबसे गौरवपूर्ण पल बताया।
- उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में पहला टेस्ट खेला।
- उस टीम में राहुल द्रविड़, सचिन तेंदुलकर, वीवीएस लक्ष्मण, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे दिग्गज मौजूद थे।
- पुजारा के मुताबिक, इतने महान खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करना उनके लिए सपने के सच होने जैसा था।
पुजारा के करियर के आंकड़े
चेतेश्वर पुजारा ने अपने करियर में ऐसे आंकड़े बनाए जो उन्हें भारतीय क्रिकेट का अहम हिस्सा बनाते हैं:
- टेस्ट मैच: 103
- कुल रन: 7195
- औसत: 43.60
- शतक: 19
- अर्धशतक: 35
- फर्स्ट क्लास क्रिकेट: 21,301 रन
पुजारा 2018 और 2021 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ भारत की ऐतिहासिक जीत के नायक रहे। उनकी धैर्यपूर्ण और क्लासिक बल्लेबाजी शैली ने उन्हें “भारतीय टीम की दीवार” की उपाधि दिलाई।
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चेतेश्वर पुजारा का संन्यास भारतीय क्रिकेट के लिए एक बड़ा मोड़ है। उनका करियर संघर्ष, अनुशासन और निरंतरता का प्रतीक रहा। अब जबकि वह क्रिकेट से आगे बढ़ चुके हैं, उनकी जगह युवा खिलाड़ियों को मौके मिलेंगे, लेकिन पुजारा का योगदान हमेशा याद रखा जाएगा।





