प्रशांत महासागर में हाल ही में एक बड़ा समुद्री हादसा सामने आया है। चीन से मेक्सिको जा रहा एक मालवाहक जहाज, जिसमें लगभग 3,000 नए वाहन लदे थे, आग लगने के बाद समुद्र में डूब गया। इस हादसे ने समुद्री परिवहन और पर्यावरण सुरक्षा को लेकर कई गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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जहाज में कैसे लगी आग?
- यह हादसा “मॉर्निंग मिडास” नामक जहाज के साथ हुआ।
- जहाज में 800 से अधिक इलेक्ट्रिक वाहन भी थे।
- आग इतनी भीषण थी कि उसे बुझाया नहीं जा सका।
- चालक दल के 22 सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया, जिन्हें पास के एक व्यापारी जहाज ने बचा लिया।
डूबने का स्थान और कारण
- जहाज अलास्का के अलेउतियन द्वीप श्रृंखला के पास अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में डूबा।
- आग लगने के बाद तेज़ हवाओं और खराब मौसम ने स्थिति को और बिगाड़ दिया।
- जहाज पानी में झुक गया और अंततः 16,404 फीट गहराई में डूब गया।
- यह स्थान जमीन से लगभग 415 मील दूर है।
क्या दिखा जहाज के डूबने से पहले?
- अमेरिकी तटरक्षक बल के अनुसार, जहाज के पिछले हिस्से में स्थित इलेक्ट्रिक कार डेक से धुएं का भारी गुबार निकलता दिखा।
- इस हादसे से प्रदूषण फैलने का खतरा बना हुआ है, जिसके लिए तटरक्षक बल पूरी तरह तैयार है।
पर्यावरणीय खतरा और प्रतिक्रिया
- जहाज की मालिक कंपनी Zodiac Maritime ने क्षेत्र में बचाव टग और प्रदूषण प्रतिक्रिया वाहन भेजे हैं।
- अमेरिकी तटरक्षक बल प्रदूषण से निपटने के लिए निगरानी कर रहा है और किसी तेल रिसाव या हानिकारक रसायनों के फैलाव की स्थिति में त्वरित कार्रवाई के लिए तैयार है।
यात्रा और जहाज का विवरण
- यह 600 फीट लंबा जहाज था, जिसे 2006 में बनाया गया था और इसका झंडा लाइबेरिया का था।
- जहाज ने 26 मई को यंताई, चीन से प्रस्थान किया था और मेक्सिको की ओर जा रहा था।
- 3 जून को, अलास्का तट से लगभग 300 मील दूर, जहाज से आपातकालीन संकेत भेजा गया।
क्या यह हादसा रोका जा सकता था?
इस हादसे ने एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अत्याधुनिक जहाज भी प्राकृतिक आपदाओं और आग जैसी घटनाओं के आगे कैसे असहाय हो जाते हैं। साथ ही, इलेक्ट्रिक वाहनों के ट्रांसपोर्टेशन के दौरान सुरक्षा मानकों पर भी सवाल उठ रहे हैं।
जहाज के डूबने से पर्यावरणीय खतरे और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला पर संभावित असर को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। यह घटना समुद्री सुरक्षा और ग्रीन कार्गो शिपिंग के लिए एक चेतावनी के तौर पर देखी जा रही है।