AANK ने जोरदार तरीके से किया कंडेम, प्रोटेस्ट तेज करेगा
BY: VIJAY NANDAN
AANK (Asian Association for the Needs of the Krushed) ने बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सुरक्षा बलों और खुफिया एजेंसियों द्वारा जबरन गुमशुदगी के जारी क्रम की कड़ी निंदा की है। 12 से 14 मई 2025 के बीच बलूचिस्तान में 9 और लोगों को जबरन गायब कर दिया गया, जिससे वहां का भय, दमन और दंडमुक्ति का माहौल एक बार फिर उजागर हुआ है।

📍 हालिया घटनाएं:
🔸 11 मई 2025:
शाह हुसैन, जो मास्टर बामन के पुत्र हैं और चाग़ी के किल्ली सरदार अहमद खान इलाके में रहते हैं, पेशे से मज़दूर थे। उन्हें उनके घर से पाकिस्तानी सुरक्षाबलों द्वारा जबरन उठा लिया गया।
🔸 12 मई 2025:
मकसूद अहमद, अली अहमद मुहम्मद हसनी के पुत्र और चाग़ी ज़िले के निवासी, को रात 3 बजे उनके घर से पाकिस्तानी बलों ने हिरासत में लेकर गायब कर दिया।
🔸 12 मई 2025:
ज़रीन जावेद और कम उम्र के उमर इक़बाल को केच ज़िले के तुरबत के दस्ती बाज़ार से पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों द्वारा ग़ायब कर दिया गया।
🔸 12 मई 2025:
अब्दुल वहीद बलूच, जो दुर मुहम्मद के पुत्र और अवारान पीरांदर के निवासी हैं, को कराची एयरपोर्ट पर इमिग्रेशन क्लियरेंस के बाद हिरासत में लिया गया और फिर पाकिस्तानी गुप्त एजेंसियों ने उन्हें ग़ायब कर दिया।
🔸 13 मई 2025:
क़ादिर अहमद, बहार खान के पुत्र, किसान और मस्तुंग ज़िले के कडकुचा क्षेत्र के निवासी हैं। उन्हें क्वेटा के सरयाब रोड पर बरमा होटल के पास CTD (काउंटर टेररिज़्म डिपार्टमेंट) पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर ग़ायब कर दिया गया।
🔸 13 मई 2025:
वक़ार बहोत, बहोत बलूच के पुत्र और पासनी शहर के वार्ड नं. 1 के निवासी, को पासनी के मुख्य बाज़ार से सैन्य खुफिया एजेंसियों ने गैरकानूनी तौर पर उठा लिया।
🔸 14 मई 2025 की रात:
हफ़ीज़ मूसा, जो ग्वादर के ओएसिस स्कूल में 10वीं कक्षा के छात्र हैं और TTC कॉलोनी में रहते हैं, को उनके घर से पाकिस्तानी सुरक्षाबलों द्वारा ग़ायब किया गया।
🔸 14 मई 2025 की रात:
शोएब, रफीक अहमद के पुत्र और एक छात्र, को ग्वादर जिले के TTC कॉलोनी इलाके से उनके घर से हिरासत में लेकर गायब कर दिया गया।

बलूचिस्तान में 1948 से लेकर अब तक (2025) पाकिस्तान द्वारा हजारों बलूच नागरिकों को जबरन गायब करने और हत्या किए जाने की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। हालांकि सटीक आंकड़े छुपाए जाते हैं, लेकिन विभिन्न मानवाधिकार संगठनों, बलूच एक्टिविस्ट्स और अंतरराष्ट्रीय रिपोर्टों के अनुसार कुछ अनुमान इस प्रकार हैं:
🟥 जबरन गायब किए गए लोगों की अनुमानित संख्या (1948-2025):
- 30,000 से अधिक बलूच नागरिकों को पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसियों द्वारा गायब किया गया है।
- इनमें छात्र, शिक्षक, डॉक्टर, लेखक, पत्रकार, राजनीतिक कार्यकर्ता, और यहां तक कि बच्चे भी शामिल हैं।
- इनमें से कई लोग आज भी लापता हैं और उनका कोई पता नहीं है।
🟥 गिरफ्तार कर मार दिए गए लोगों की अनुमानित संख्या:
- करीब 10,000 से ज्यादा बलूच नागरिकों को हिरासत में लेकर यातना दी गई और फिर मार डाला गया।
- बहुत से मामलों में लाशें पहाड़ों, रेगिस्तानों या सड़क किनारे फेंक दी गईं – जिनके शरीर पर यातना के गंभीर निशान पाए गए।
🟥 स्रोतों के अनुसार:
- बलूचिस्तान मानवाधिकार परिषद (BHRC), ह्यूमन राइट्स वॉच, और एमनेस्टी इंटरनेशनल जैसी संस्थाओं ने बार-बार बलूचिस्तान में मानवाधिकार उल्लंघनों की निंदा की है।
- “वॉइस फॉर बलूच मिसिंग पर्सन्स (VBMP)” नामक संस्था के अनुसार:
- हर साल सैकड़ों बलूच युवाओं को अगवा किया जाता है।
- 2010 से 2020 के बीच कम से कम 5,000 से ज्यादा “किल एंड डंप” के मामले दर्ज किए गए।
🟥 हाल की घटनाएं (2023-2025):
- 2024 और 2025 में भी हर महीने 10 से 15 लोग गायब किए जा रहे हैं।
- केवल 12 से 14 मई 2025 के बीच ही 9 लोगों को जबरन गायब किया गया (जैसा कि आपने पहले उल्लेख किया था)।
बलूचिस्तान में पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसियों द्वारा पिछले 75+ वर्षों से जो दमन चल रहा है, वह दुनिया के सबसे खतरनाक मानवाधिकार संकटों में से एक है। यह घटनाएं बलूचिस्तान में राज्य प्रायोजित मानवाधिकार उल्लंघनों की गंभीर स्थिति को दर्शाती हैं। AANK ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह बलूच जनता पर हो रहे अत्याचारों और जबरन गुमशुदगियों के खिलाफ हस्तक्षेप करे और पाकिस्तान को जवाबदेह ठहराए।