BY: Yoganand Shrivastva
गुवाहाटी: दिल्ली के लाल किले के पास हुए कार धमाके के बाद असम पुलिस ने पूरे राज्य में कार्रवाई करते हुए सोशल मीडिया पर अपमानजनक और भड़काऊ पोस्ट करने वाले 15 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह कदम मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा के उस निर्देश के बाद उठाया गया जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंसा का समर्थन या आतंकवाद का महिमामंडन करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।
दिल्ली ब्लास्ट के बाद असम में सख्ती
दिल्ली के इस धमाके में 12 लोगों की मौत हुई थी और 20 से अधिक घायल हुए थे। घटना के बाद देशभर में सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट पर हैं। असम पुलिस ने सोशल मीडिया पर दिल्ली विस्फोट को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणियां करने वालों की पहचान की और तुरंत गिरफ्तारियां शुरू कीं।
मुख्यमंत्री का बयान – “हिंसा का समर्थन करने वालों पर कोई दया नहीं”
मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा ने गुरुवार सुबह एक बयान में कहा, “असम पुलिस ने अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने दिल्ली ब्लास्ट के बाद सोशल मीडिया पर अपमानजनक पोस्ट कीं। हिंसा का समर्थन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा। असम में ऐसी गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं है।”
गिरफ्तार किए गए लोगों के नाम
मुख्यमंत्री ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों में शामिल हैं —
रफीजुल अली (बोंगाईगांव), फरीद उद्दीन लस्कर (हैलाकांडी), इनामुल इस्लाम (लखीमपुर), फिरुज अहमद उर्फ पपोन (लखीमपुर), शाहिल शोमान सिकदर उर्फ शाहिदुल इस्लाम (बारपेटा), रकीबुल सुल्तान (बारपेटा), नसीम अकरम (होजाई), तस्लीम अहमद (कामरूप) और अब्दुर रोहिम मोल्लाह उर्फ बप्पी हुसैन (साउथ सलमारा)।
इन सभी को रातभर की छापेमारी के बाद पुलिस ने हिरासत में लिया है।
आतंकी साजिश का खुलासा
खुफिया एजेंसियों ने बताया कि दिल्ली धमाके के पीछे बड़ी आतंकी साजिश रची गई थी। संदिग्ध आतंकियों ने देश के कई हिस्सों में एक साथ धमाके करने की योजना बनाई थी। वे दो पुरानी कारों को विस्फोटकों से लैस कर विभिन्न जगहों पर विस्फोट की साजिश में शामिल थे।
प्रशासन की चेतावनी
मुख्यमंत्री शर्मा ने स्पष्ट कहा कि जो लोग सोशल मीडिया पर हिंसा, आतंकवाद या असामाजिक तत्वों का समर्थन करेंगे, उन पर कड़ी कानूनी कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, “असम में शांति भंग करने या लोगों को भड़काने की कोशिश करने वालों को किसी भी कीमत पर छोड़ा नहीं जाएगा।” असम पुलिस की यह कार्रवाई सोशल मीडिया पर नफरत फैलाने वालों के खिलाफ एक कड़ा संदेश मानी जा रही है।





