डालमिया ग्रुप भी दौड़ में, स्पोर्ट्स सिटी परियोजना पर कानूनी बाधा हटने का इंतजार
देश की बड़ी कॉरपोरेट डील्स में से एक में, अडानी ग्रुप ने आर्थिक संकट से जूझ रही जयप्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (JAL) को खरीदने की दौड़ में बढ़त बना ली है। सूत्रों के मुताबिक, अडानी ग्रुप ने इस अधिग्रहण के लिए करीब ₹12,500 करोड़ की पेशकश की है।
बिना किसी शर्त के ₹8,000 करोड़ की एडवांस रकम
मामले से जुड़े लोगों का कहना है कि अडानी ग्रुप ने इस प्रस्ताव में ₹8,000 करोड़ की एडवांस रकम बिना किसी शर्त के देने की बात कही है। इससे ग्रुप की इस डील को लेकर गंभीरता और मजबूत मंशा का संकेत मिलता है।
डालमिया ग्रुप भी मैदान में
डालमिया ग्रुप भी इस अधिग्रहण की दौड़ में शामिल है और उसने संकेत दिया है कि अगर जयप्रकाश एसोसिएट्स की स्पोर्ट्स सिटी परियोजना से जुड़ी कानूनी अड़चन सुलझ जाती है, तो वह अडानी से भी बड़ी पेशकश करने को तैयार है।
यह मामला वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। मार्च 2025 में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस परियोजना से जुड़े एक महत्वपूर्ण निर्णय को बरकरार रखा था, जिसके बाद मामला उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा।
कौन-कौन हैं अन्य दावेदार?
इस अधिग्रहण प्रक्रिया में केवल अडानी और डालमिया ही नहीं, बल्कि अन्य बड़े खिलाड़ी भी शामिल हैं। इनके नाम हैं:
- PNC इंफ्रास्ट्रक्चर
- वेदांता ग्रुप
- जिंदल स्टील एंड पावर
इन कंपनियों ने भी जयप्रकाश एसोसिएट्स को खरीदने के लिए अपने-अपने रेजोल्यूशन प्लान जमा किए हैं।
क्यों खास है जयप्रकाश एसोसिएट्स?
जयप्रकाश एसोसिएट्स देश की जानी-मानी इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है, जो कई बड़ी सड़क, हाइड्रोपावर और रियल एस्टेट परियोजनाओं में शामिल रही है। हालांकि, बीते वर्षों में कंपनी पर भारी कर्ज चढ़ गया, जिससे वह इंसॉल्वेंसी (दीवालिया प्रक्रिया) का सामना कर रही है।
इस अधिग्रहण के ज़रिए न केवल JAL के ऋणदाताओं को राहत मिलेगी, बल्कि संबंधित प्रोजेक्ट्स के अधूरे काम भी आगे बढ़ पाएंगे।
क्या कहता है जानकारों का विश्लेषण?
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर अडानी ग्रुप यह अधिग्रहण सफलतापूर्वक पूरा करता है, तो इससे कंपनी की इंफ्रास्ट्रक्चर पोर्टफोलियो और मजबूत होगी। वहीं डालमिया ग्रुप के लिए यह डील रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में बड़ी हिस्सेदारी पाने का अवसर हो सकता है।
निष्कर्ष: नज़रें सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर
अब इस पूरे मामले की अगली दिशा सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर निर्भर करती है। अगर स्पोर्ट्स सिटी परियोजना से जुड़ी कानूनी बाधाएं दूर होती हैं, तो डालमिया ग्रुप के लिए मुकाबला कड़ा हो सकता है। वरना, अडानी ग्रुप के पास JAL को खरीदने का रास्ता साफ हो सकता है।