बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की हलचल के बीच, भारत के टॉप उद्योगपतियों में शुमार गौतम अडानी ने एक बड़ा कदम उठाया है। अडानी ग्रुप ने राज्य सरकार के साथ 26,000 करोड़ रुपये से ज्यादा की डील साइन की है, जिससे न सिर्फ बिहार में बिजली संकट दूर होगा, बल्कि चुनावी माहौल में भी एक बड़ा सियासी संदेश गया है।
क्या है अडानी की यह बड़ी डील?
गौतम अडानी की कंपनी अडानी पावर को बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL) से 2400 मेगावाट क्षमता के ग्रीनफील्ड थर्मल पॉवर प्लांट के निर्माण और संचालन का LOI (Letter of Intent) मिला है। यह प्लांट बिहार के भागलपुर जिले में स्थापित किया जाएगा।
- निवेश राशि: करीब 3 बिलियन डॉलर (26,000 करोड़ रुपये)
- LOI जारी करने वाली कंपनी: बिहार स्टेट पावर जनरेशन कंपनी लिमिटेड (BSPGCL)
- बिजली वितरण कंपनियां:
- उत्तर बिहार बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (NBPDCL)
- दक्षिण बिहार बिजली वितरण कंपनी लिमिटेड (SBPDCL)
कैसे मिला टेंडर?
अडानी पावर को यह प्रोजेक्ट एक प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया में हासिल हुआ है, जहां कंपनी ने सबसे कम बिजली दर 6.075 रुपये प्रति यूनिट पर बोली लगाई। इस वजह से कंपनी को प्रोजेक्ट में वरीयता दी गई।
कब चालू होगा नया पावर प्लांट?
इस अत्याधुनिक थर्मल पॉवर प्लांट में 800 मेगावाट की तीन यूनिट्स होंगी। इस प्रोजेक्ट को DBFOO मॉडल (Design, Build, Finance, Own, Operate) के तहत विकसित किया जाएगा।
- पहली यूनिट: LOA की तारीख से 48 महीने में चालू
- अंतिम यूनिट: 60 महीने के भीतर चालू
- रोजगार की उम्मीद:
- निर्माण चरण: 10-12 हजार लोगों को काम
- संचालन के बाद: लगभग 3,000 लोगों को रोजगार
क्या बोले कंपनी अधिकारी?
SB Khyalya, CEO, Adani Power:
“हम बिहार में 2400 मेगावाट की तापीय बिजली परियोजना की डील जीतने पर गौरवान्वित हैं। इस प्रोजेक्ट से राज्य में औद्योगिकीकरण को गति मिलेगी और लोगों को किफायती दर पर हाई-क्वालिटी बिजली मिल सकेगी।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह प्लांट कम उत्सर्जन वाली तकनीक से लैस होगा, जिससे पर्यावरण पर असर कम होगा।
अडानी पावर के शेयरों में तेजी
इस बड़ी डील की खबर से अडानी पावर के शेयर बाजार में भी उत्साह देखने को मिला। गुरुवार को कंपनी का शेयर 568 रुपये पर ट्रेड करता दिखा।
- Day High: ₹573.95 (1.25% की तेजी)
- Day Low: ₹552.35
- Market Cap: ₹2.19 लाख करोड़ से अधिक
क्यों अहम है यह डील चुनावी माहौल में?
बिहार में बिजली की समस्या लंबे समय से एक बड़ा मुद्दा रही है। ऐसे में इस प्रोजेक्ट की घोषणा से:
- नीतीश कुमार सरकार को विकास का एजेंडा मजबूत करने में मदद मिलेगी
- अडानी ग्रुप को बिहार जैसे राज्य में बड़ी उपस्थिति का मौका मिलेगा
- बेरोजगारी, बिजली और औद्योगिक विकास जैसे मुद्दों पर जनता को भरोसा मिलेगा
बिहार चुनाव से पहले गौतम अडानी की यह डील सिर्फ एक व्यापारिक कदम नहीं, बल्कि एक रणनीतिक चाल भी मानी जा रही है। यह डील न केवल राज्य के इंफ्रास्ट्रक्चर को बदल सकती है, बल्कि राजनीति में भी नए समीकरण बना सकती है।