भारतीय संगीत जगत के महान संगीतकार आरडी बर्मन (Rahul Dev Burman) और उनके पिता एसडी बर्मन का कोलकाता स्थित पैतृक घर जर्जर हालत में पहुंच चुका है।
संगीत प्रेमियों का कहना है कि इस ऐतिहासिक धरोहर को बचाना बेहद जरूरी है, ताकि आने वाली पीढ़ियां आरडी बर्मन की विरासत से जुड़ सकें।
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ऑनलाइन पिटीशन से उठी उम्मीद
- कोलकाता के 36/1 साउथ एंड पार्क स्थित इस घर को म्यूजियम बनाने के लिए फैंस ने एक ऑनलाइन पिटीशन शुरू की है।
- केवल एक हफ्ते में ही 7000 से ज्यादा लोग इस याचिका पर साइन कर चुके हैं।
- याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह घर केवल ईंट और सीमेंट से नहीं, बल्कि संगीत की धुनों और यादों से बना है, जिसने भारतीय संगीत को नया आयाम दिया।
संगीत सरणी: नाम बदला, पर हालात वही
आरडी बर्मन के चाचा अभिजीत दासगुप्ता ने टेलीग्राफ से बातचीत में बताया कि
- 2021 में इस सड़क का नाम बदलकर संगीत सरणी रखा गया था।
- अधिकारियों ने इसे म्यूजियम बनाने का वादा भी किया था।
- लेकिन आज तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
क्यों जरूरी है इसे म्यूजियम बनाना?

फैंस का मानना है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो यह ऐतिहासिक धरोहर खो जाएगी।
इसलिए म्यूजियम बनाने की अपील में उन्होंने कई कारण गिनाए हैं:
- आरडी बर्मन की यादों को संरक्षित करना – ताकि संगीत प्रेमी उनकी जिंदगी और करियर को करीब से जान सकें।
- सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा – भारतीय संगीत इतिहास का एक अहम हिस्सा हमेशा जीवित रह सके।
- रोजगार के अवसर – म्यूजियम बनने से स्थानीय लोगों को रोजगार के नए साधन मिलेंगे।
- युवा पीढ़ी को प्रेरणा – आरडी बर्मन जैसे महान कलाकार की उपलब्धियों से नई पीढ़ी को सीखने का मौका मिलेगा।
आरडी बर्मन का संगीत: अमर विरासत
- आरडी बर्मन ने अपने करियर में 330 से ज्यादा फिल्मों में संगीत दिया।
- उन्होंने लता मंगेशकर, किशोर कुमार, मुकेश, आशा भोसले और मोहम्मद रफ़ी जैसे दिग्गज गायकों के साथ काम किया।
- उनकी धुनें आज भी भारतीय संगीत की आत्मा मानी जाती हैं।
आरडी बर्मन का घर केवल एक इमारत नहीं, बल्कि भारतीय संगीत इतिहास का जीवंत दस्तावेज है।
फैंस की यह ऑनलाइन पिटीशन इस बात का प्रमाण है कि पंचम दा की धुनें आज भी लोगों के दिलों में गूंजती हैं।
अब देखना यह होगा कि सरकार और अधिकारी इस मांग को कब तक पूरा करते हैं।