भारत की बेटियों ने बार-बार साबित किया है कि हौसले और मेहनत से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता। मध्यप्रदेश के मैहर जिले की रहने वाली अंजना सिंह ने 27 जुलाई की सुबह 6 बजे यूरोप की सबसे ऊंची चोटी माउंट एल्ब्रस (5,642 मीटर/18,510 फीट) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई कर भारत का तिरंगा लहराया और देश का नाम रोशन किया।
कठिन हालात में दिखाई हिम्मत
- तापमान: -20°C से भी कम
- चुनौतियां: बर्फीली हवाएं, ऑक्सीजन की कमी
- साहस: राष्ट्रगान गाकर देशभक्ति का संदेश
अंजना ने चोटी पर पहुंचते ही राष्ट्रगान गाया। उन्होंने बताया कि हर कदम पर उन्हें माता-पिता के त्याग और गुरु के मार्गदर्शन की याद ने प्रेरित किया।
साधारण परिवार से असाधारण उपलब्धि
अंजना के पिता राजेश सिंह छोटे किसान हैं। सीमित संसाधनों और कठिन परिस्थितियों के बावजूद उन्होंने पर्वतारोहण के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई।
उन्होंने इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और मार्गदर्शक एडवोकेट शिवेंद्र सिंह बघेल को दिया।
अंजना की प्रेरणादायक यात्रा
- 18 जुलाई: मैहर से यात्रा की शुरुआत
- 21 जुलाई: दुबई पहुंचीं
- 22 जुलाई: रूस के लिए रवाना
- 23 जुलाई: बेस कैंप पहुंचीं
- 24-25 जुलाई: प्रारंभिक चढ़ाई
- 26 जुलाई: स्वास्थ्य बिगड़ने पर आराम
- 27 जुलाई: रात 2 बजे से चढ़ाई, सुबह 6 बजे तिरंगा लहराया
उन्होंने ऊर्जा के लिए अपने साथ सूखे मेवे और चॉकलेट रखे और मुश्किल हालातों का सामना किया।
दिया नशा-मुक्ति का संदेश
माउंट एल्ब्रस की चोटी पर पहुंचकर अंजना ने नशा मुक्त प्रदेश का संदेश दिया। उनकी इस सोच ने उनकी उपलब्धि को और भी खास बना दिया।
पहले कर चुकी हैं किलिमंजारो की चढ़ाई
इससे पहले 26 जनवरी 2025 को गणतंत्र दिवस पर अंजना ने अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो (5,895 मीटर/19,341 फीट) पर सुबह 10:56 बजे तिरंगा फहराया था।
अंजना सिंह की कहानी न केवल मैहर और मध्यप्रदेश बल्कि पूरे भारत के लिए गर्व की बात है। सीमित साधनों के बावजूद उनका जज्बा और मेहनत यह साबित करता है कि सपनों को हकीकत में बदला जा सकता है। वह आज लाखों युवाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।