उत्तर प्रदेश की राजनीति एक बार फिर गरमा गई है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अचानक दिल्ली दौरे ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है। सवाल उठ रहे हैं—क्या यूपी बीजेपी में कोई बड़ा फेरबदल होने जा रहा है? क्या नया प्रदेश अध्यक्ष चुना जाएगा? और क्या इसके पीछे लोकसभा चुनाव में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन का असर है?
इस रिपोर्ट में जानते हैं कि योगी के दिल्ली पहुंचने का क्या है असली कारण, और यह कैसे जुड़ा है आगामी विधानसभा चुनाव 2027 से।
दिल्ली में योगी की अहम बैठकों की तैयारी
सीएम योगी आदित्यनाथ फिलहाल दिल्ली में हैं। सूत्रों की मानें तो वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा से अलग-अलग मुलाकात कर सकते हैं।
- इस दौरे में पार्टी के नए यूपी प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चर्चाएं गर्म हैं।
- योगी अपने पसंदीदा चेहरे का समर्थन शीर्ष नेतृत्व से कर सकते हैं।
- इस मीटिंग के बाद प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा संभव है।
यूपी बीजेपी अध्यक्ष की कुर्सी पर फिर मंथन
उत्तर प्रदेश जैसे बड़े और राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य में प्रदेश अध्यक्ष का चयन बीजेपी के लिए एक चुनौती है। वर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी की जगह कौन लेगा, इसे लेकर पार्टी लंबे समय से मंथन कर रही है।
शीर्ष नेतृत्व ने मंगाई फीडबैक:
- RSS कार्यकर्ताओं, संगठन पदाधिकारियों और विभिन्न मोर्चों से ली जा रही राय
- जातीय समीकरण: ओबीसी, दलित, ब्राह्मण और सवर्णों का संतुलन
- क्षेत्रीय समीकरण: पूर्वांचल बनाम पश्चिमी यूपी
लोकसभा 2024 में झटका, अब कोई रिस्क नहीं लेना चाहती पार्टी
बीजेपी को 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी में करारा झटका लगा था:
- बीजेपी और सहयोगी दल सिर्फ 36 सीटें जीत सके (2019 में 64 सीटें थीं)
- बीजेपी: 33 | RLD: 2 | अपना दल: 1
- सपा को मिलीं 37 सीटें, PDA फार्मूले ने किया बेहतरीन काम
- वोट शेयर में भी गिरावट – 49.6% (2019) से घटकर 41.4% (2024)
यह परिणाम पार्टी नेतृत्व के लिए चेतावनी का संकेत बन गया है। अब कोई भी निर्णय, खासकर यूपी जैसे राज्य में, बहुत सोच-समझकर लिया जाएगा।
परंपरा के मुताबिक विधानसभा चुनाव से पहले बदलता है प्रदेश अध्यक्ष
बीजेपी की एक खास रणनीति है—जिस नेता के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा गया हो, उसके साथ विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा जाता।
- यही वजह है कि भूपेंद्र चौधरी को रिपीट किए जाने की संभावना नहीं है
- उत्तराखंड में दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने का मामला यूपी पर लागू नहीं होगा
- नया अध्यक्ष किस जाति और क्षेत्र से होगा—इस पर ही मंथन फंसा है
योगी आदित्यनाथ से संबंध भी अहम फैक्टर
प्रदेश अध्यक्ष के चयन में यह भी देखा जाएगा कि उस नेता के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रिश्ते कैसे हैं।
- वर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और योगी के बीच संबंध सहज नहीं रहे
- डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक से भी योगी के रिश्ते मधुर नहीं हैं
- ऐसे में नया अध्यक्ष ऐसा चाहिए जो CM योगी के साथ तालमेल बिठा सके
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कौन हो सकता है नया यूपी बीजेपी अध्यक्ष?
सूत्रों के अनुसार, पार्टी ओबीसी चेहरे को प्राथमिकता दे सकती है। ब्राह्मण समुदाय से भी दावेदार हैं, लेकिन ओबीसी की संख्या और चुनावी असर को देखते हुए इसी वर्ग से नेता चुने जाने की संभावना प्रबल है।
प्रमुख जातियाँ जिन पर चर्चा है:
- पटेल, कुर्मी, सैनी, शक्य — ये वो जातियाँ हैं जो 2024 में बीजेपी से दूर हो गईं
- निषाद पार्टी से गठबंधन के बावजूद, कुछ जातियों ने सपा को वोट किया
- इसलिए गैर-यादव ओबीसी नेता को ही तरजीह दी जा सकती है
क्या सीएम योगी की पसंद चलेगी?
योगी आदित्यनाथ की पसंद को पार्टी नेतृत्व गंभीरता से लेगा, क्योंकि आने वाले चुनाव में सीएम का चेहरा वही हैं। अगर पार्टी को वापसी करनी है तो योगी और अध्यक्ष की जोड़ेदारी मजबूत होनी चाहिए।
निष्कर्ष: जल्द हो सकता है बड़ा ऐलान
- योगी का दिल्ली दौरा महज औपचारिक नहीं, बल्कि बड़े फैसले की तैयारी का हिस्सा है
- नए प्रदेश अध्यक्ष की घोषणा जल्द हो सकती है
- यह फैसला बीजेपी की 2027 रणनीति का अहम हिस्सा होगा