BY: Yoganand Shrivastva
इंदौर, इंदौर शहर में आवारा कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में शहर के श्रीनगर एक्सटेंशन क्षेत्र में एक कॉलेज छात्रा पर चार कुत्तों ने अचानक हमला कर दिया। यह घटना शनिवार सुबह करीब 6:30 बजे की है, जब छात्रा कॉलेज के लिए जा रही थी।
हमले का वीडियो सामने आया
घटना का CCTV फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ दिख रहा है कि छात्रा जैसे ही कॉलोनी के एक मोड़ पर पहुंचती है, दूर से चार कुत्ते उसकी ओर दौड़ते हैं। छात्रा ने पहले हिम्मत दिखाते हुए उन्हें ललकारा और भगाया, लेकिन कुछ सेकंड बाद ही कुत्तों का झुंड दोबारा लौट आया और उस पर हमला बोल दिया।
सहेली की बहादुरी से बची छात्रा की जान
कुत्तों के हमले से छात्रा सड़क पर गिर गई और उन्होंने उसके पैर में गहरे घाव कर दिए। उसी समय स्कूटी से गुजर रही उसकी सहेली ने गाड़ी रोककर पास से पत्थर उठाए और कुत्तों को भगाया। तब तक छात्रा को चक्कर आ गए और वह वहीं बैठ गई।
स्थानीय लोगों ने की मदद
पास ही रहने वाले विशाल और शैफाली अग्रवाल नामक दंपती छात्रा की चीखें सुनकर बाहर आए और उसे अपने घर ले गए। वहां उन्होंने प्राथमिक उपचार कर पैर के घावों की सफाई की। उन्होंने बताया कि छात्रा उस समय कॉलेज में एग्जाम देने जा रही थी।
जूठन फेंकने से बढ़ा कुत्तों का जमावड़ा
स्थानीय रहवासियों का कहना है कि क्षेत्र में कुत्तों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जिसका कारण पड़ोसी कॉलोनी सोनिया गांधी नगर से रोजाना यहां आकर जूठन और नॉनवेज कचरा फेंकना है। नगर निगम की गाड़ी भले ही नियमित रूप से सफाई करती है, लेकिन रात में फिर गंदगी फैल जाती है, जिससे कुत्तों का जमावड़ा लगने लगा है।
311 ऐप पर भी की जा चुकी हैं शिकायतें
रहवासी आनंद बागोरा और अन्य लोगों का कहना है कि कई बार नगर निगम के 311 मोबाइल ऐप पर शिकायत दर्ज की गई। शिकायत के बाद अस्थायी रूप से सफाई हो जाती है, लेकिन जड़ समस्या जस की तस बनी रहती है। नतीजतन, अब कुत्ते राह चलते लोगों पर हमला करने लगे हैं।
6 महीने में 24,000 से अधिक हमले
हुकुमचंद अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, 1 जनवरी से 13 जुलाई 2025 के बीच 24,000 से ज्यादा लोग कुत्तों के काटने का शिकार हो चुके हैं। हालांकि अधिकतर को एंटी रेबीज वैक्सीन के जरिए ठीक कर लिया गया है, लेकिन यह आंकड़ा गंभीर चिंता का विषय है।
नगर निगम पर उठ रहे सवाल
इस प्रकार की घटनाएं यह सवाल खड़े करती हैं कि इंदौर जैसे स्मार्ट सिटी में भी आवारा पशु नियंत्रण की व्यवस्था कितनी लचर है। खासकर स्कूल-कॉलेज जाने वाली छात्राओं, बुजुर्गों और राहगीरों की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े हो रहे हैं।
क्या जागेगा प्रशासन?
इंदौर को देश का सबसे साफ़ शहर माना जाता है, लेकिन स्वच्छता के पीछे छुपे ऐसे खतरे जब आमजन की जान के लिए संकट बन जाएं, तो प्रशासन की तत्काल कार्रवाई आवश्यक हो जाती है। जरूरत इस बात की है कि आवारा कुत्तों की नसबंदी, ठिकाना और भोजन प्रबंधन के स्थायी हल निकाले जाएं, ताकि इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।