भारत और इंग्लैंड के बीच खेले गए लीड्स टेस्ट में क्रिकेट इतिहास का एक ऐसा अध्याय दर्ज हुआ, जिसे भारतीय क्रिकेट फैंस शायद ही जल्द भूल पाएं। भारतीय बल्लेबाजों ने दोनों पारियों में मिलाकर पांच शानदार शतक जड़े, लेकिन इसके बावजूद टीम इंडिया को 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। इंग्लैंड ने चौथी पारी में 371 रनों का विशाल लक्ष्य सफलतापूर्वक हासिल कर टेस्ट क्रिकेट में नया इतिहास रच दिया।
इंग्लैंड का रिकार्ड रन चेज़
लीड्स के हेडिंग्ले मैदान पर चौथी पारी में 371 रन का पीछा करना कोई मामूली बात नहीं थी। लेकिन इंग्लिश बल्लेबाजों ने धैर्य और दमदारी से खेलते हुए भारत के गेंदबाजों को पीछे छोड़ दिया। यह रन चेज टेस्ट क्रिकेट के इतिहास में चौथी पारी में दूसरी सबसे बड़ी सफल रन पीछा है जो किसी टीम ने भारत के खिलाफ किया हो।
टेस्ट क्रिकेट में 5वें दिन सबसे ज्यादा रन चेज़:
- 404 रन – ऑस्ट्रेलिया बनाम इंग्लैंड, लीड्स, 1948
- 371 रन – इंग्लैंड बनाम भारत, लीड्स, 2025
- 344 रन – वेस्टइंडीज बनाम इंग्लैंड, लॉर्ड्स, 1984
- 325 रन – भारत बनाम ऑस्ट्रेलिया, ब्रिस्बेन, 2021
भारत की पारी: शतकों की भरमार लेकिन जीत नदारद
टीम इंडिया ने इस मैच में जबरदस्त बल्लेबाजी की:
पहली पारी के शतक:
- यशस्वी जायसवाल – 101 रन
- शुभमन गिल – 147 रन
- ऋषभ पंत – 134 रन
दूसरी पारी के शतक:
- केएल राहुल – 137 रन
- ऋषभ पंत – 118 रन
यह टेस्ट इतिहास में पहला मौका था जब भारत की तरफ से एक ही टेस्ट में पांच बल्लेबाजों ने शतक लगाए हों और टीम को फिर भी हार झेलनी पड़ी हो।
गेंदबाजों का फेल प्रदर्शन
जहां बल्लेबाजों ने उम्मीद से बढ़कर खेल दिखाया, वहीं गेंदबाजों ने सबसे ज्यादा निराश किया।
- जसप्रीत बुमराह ने पहली पारी में अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन दूसरी पारी में विकेट नहीं ले सके।
- प्रसिद्ध कृष्णा, मोहम्मद सिराज, और शार्दुल ठाकुर इंग्लिश बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बना पाए।
- दूसरी पारी में ठाकुर और कृष्णा ने 2-2 विकेट जरूर लिए, लेकिन वह इंग्लैंड को जीतने से नहीं रोक सके।
इंग्लैंड के हीरो: बेन डकेट
इंग्लैंड के सलामी बल्लेबाज बेन डकेट ने दूसरी पारी में 149 रन की ऐतिहासिक पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई।
- उन्हें 97 रन पर यशस्वी जायसवाल ने जीवनदान दिया, जिसे उन्होंने पूरे फायदे में बदला।
- डकेट ने भारत के खिलाफ टेस्ट की चौथी पारी में सबसे बड़ा स्कोर बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया।
- उन्होंने जो रूट के नाबाद 142 रनों के रिकॉर्ड को पीछे छोड़ा।
नतीजा: एक ऐतिहासिक और दर्दनाक हार
भारतीय टीम के लिए यह हार सिर्फ एक स्कोर लाइन नहीं, बल्कि रणनीति और गेंदबाजी की असफलता का आईना है। बल्लेबाजों ने अपने हिस्से का काम बखूबी किया, लेकिन गेंदबाजों की नाकामी ने जीत का सपना चकनाचूर कर दिया।
लीड्स टेस्ट ने साबित कर दिया कि टेस्ट क्रिकेट में सिर्फ शतक काफी नहीं होते, मैच जीतने के लिए गेंदबाजी में धार और रणनीति में स्पष्टता जरूरी है। इंग्लैंड की यह जीत न केवल रन चेज का रिकॉर्ड है, बल्कि यह भारत के लिए एक सबक भी है।