BY: Yoganand Shrivastva
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने INS विक्रांत से पाकिस्तान को आतंकवाद और नौसेना की ताकत पर सख्त चेतावनी दी है। उन्होंने साफ कहा कि अगली बार कार्रवाई की शुरुआत भारतीय नौसेना कर सकती है।
INS विक्रांत पर राजनाथ सिंह का संबोधन
मुंबई में स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत पर पहुंचे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नौसैनिकों और अधिकारियों के साथ बातचीत की और पाकिस्तान को स्पष्ट चेतावनी दी।
उन्होंने कहा:
“जो सेना खामोशी से किसी को ‘बोतल में बंद’ कर सकती है, वह जब बोलेगी तो क्या नजारा होगा। हो सकता है अगली बार ओपनिंग भारतीय नौसेना के हाथों हो।”
यह बयान सीधे तौर पर पाकिस्तान को संदेश देता है कि अब भारत की प्रतिक्रिया पहले से कहीं ज्यादा आक्रामक हो सकती है।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और नौसेना की भूमिका
राजनाथ सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय नौसेना ने अपनी “Silent Service” के माध्यम से पाकिस्तान को शांत रहने पर मजबूर किया है। उन्होंने INS विक्रांत के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे आत्मनिर्भर भारत की मिसाल बताया।
पाकिस्तान को आतंकवाद पर स्पष्ट संदेश
रक्षा मंत्री ने पाकिस्तान को दो टूक शब्दों में कहा:
- “आतंकवाद का खेल अब खत्म हो चुका है।”
- “अगर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ कोई आतंकी हरकत की, तो उसका परिणाम भुगतने को तैयार रहे।”
- “हर बार की तरह पाकिस्तान को मात ही मिलेगी।”
यह बयान भारत की ‘Zero Tolerance’ नीति की पुष्टि करता है, जो सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ लगातार सख्त होती जा रही है।
हाफिज सईद और मुंबई हमलों का जिक्र
राजनाथ सिंह ने मुंबई हमलों के गुनहगार हाफिज सईद का उल्लेख करते हुए कहा:
“हाफ़िज़ सईद ने समुद्र के रास्ते मुंबई में जो मौत बरसाई, उसका इंसाफ होना चाहिए – और यह पाकिस्तान में नहीं हो सकता।”
उन्होंने बताया कि मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाया गया है, जो इंसाफ की दिशा में एक अहम कदम है।
पाकिस्तान से बातचीत पर भारत की स्थिति
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री द्वारा दोबारा बातचीत की पेशकश पर राजनाथ ने दो टूक कहा:
- “बातचीत तब ही होगी जब वह आतंकवाद और पाक अधिकृत कश्मीर (PoK) पर होगी।”
- “अगर पाकिस्तान वाकई गंभीर है, तो हाफिज सईद और मसूद अजहर को भारत को सौंपे।”
यह भारत की दृढ़ कूटनीति को दर्शाता है, जो अब बातचीत से पहले ठोस कार्रवाई की मांग करती है।
भारतीय नौसेना की ताकत: ‘शांति और सुनामी दोनों’
रक्षा मंत्री ने भारतीय नौसेना की शक्ति को इन शब्दों में परिभाषित किया:
“हमारी नौसेना जितनी शांत है, उतनी ही एक सुनामी लाने की भी क्षमता रखती है।”
उन्होंने कहा कि INS विक्रांत जैसे स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर भारतीय नौसेना की स्वदेशी शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक हैं।