मुख्य बिंदु:
- कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत।
- अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने PM मोदी को फोन कर हमले की निंदा की और भारत को “पूर्ण समर्थन” देने की बात कही।
- मोदी ने सऊदी अरब का दौरा छोटा करके दिल्ली लौटने का फैसला किया।
क्या हुआ?
23 अप्रैल 2025 को कश्मीर के पहलगाम (एक प्रमुख पर्यटन स्थल) पर आतंकवादियों ने गोलीबारी की। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई, जिनमें ज्यादातर दूसरे राज्यों के पर्यटक थे। यह 2019 के पुलवामा हमले के बाद कश्मीर में सबसे भीषण आतंकी घटना है।
इस हमले में एक नौसेना अधिकारी भी शहीद हुए, जिनकी शादी को महज 5 दिन हुए थे।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया: ट्रंप ने मोदी को फोन किया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने PM मोदी को फोन कर:
- हमले की कड़ी निंदा की।
- मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई।
- भारत को आतंकवाद के खिलाफ “पूरा समर्थन” देने का आश्वासन दिया।
- हमलावरों को सजा दिलाने में अमेरिका की मदद का वादा किया।
ट्रंप ने ‘ट्रूथ सोशल’ पर पोस्ट लिखकर भी भारत के साथ एकजुटता जताई:
“कश्मीर में हुए हमले की खबरें दिल दहला देने वाली हैं। अमेरिका आतंकवाद के खिलाफ भारत के साथ खड़ा है। हम मृतकों की आत्मा की शांति और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं। PM मोदी और भारत के लोगों को हमारा पूरा समर्थन है।”
अमेरिकी उपराष्ट्रपति जे.डी. वेंस (जो फिलहाल भारत में हैं) ने भी पीड़ितों के प्रति संवेदना जताई।
मोदी ने सऊदी दौरा छोटा किया
PM मोदी सऊदी अरब के दो दिवसीय दौरे पर थे, लेकिन हमले की खबर मिलते ही उन्होंने यात्रा छोटी कर दी और रात में ही दिल्ली लौट आए।
अमेरिका की आधिकारिक प्रतिक्रिया
- व्हाइट हाउस ने कहा: “हम भारत के सहयोगी के रूप में इस हमले की निंदा करते हैं।”
- अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा: “निर्दोष पर्यटकों और नागरिकों की हत्या का कोई औचित्य नहीं। हमले के दोषियों को जिम्मेदार ठहराया जाना चाहिए।”
विश्लेषण: क्यों महत्वपूर्ण है यह घटना?
- 2019 के बाद सबसे बड़ा हमला: पुलवामा (2019) के बाद कश्मीर में इतने बड़े पैमाने पर नागरिकों को निशाना बनाया गया है।
- अंतरराष्ट्रीय समर्थन: अमेरिका का तुरंत समर्थन जताना दिखाता है कि भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी मजबूत है।
- आतंकवाद की नई रणनीति? पर्यटक स्थलों पर हमला करके आतंकी भारत की छवि और अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं।
आगे क्या?
- सुरक्षा बल हमलावरों की तलाश में जुटे हैं।
- अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की कोशिश होगी कि पाकिस्तान आतंकी गुटों पर कार्रवाई करे।
- कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था और सख्त होने की उम्मीद है।
निष्कर्ष: यह हमला न सिर्फ कश्मीर बल्कि पूरे देश के लिए एक बड़ा झटका है। लेकिन, अमेरिका जैसे देशों का तुरंत समर्थन मिलना दिखाता है कि भारत अब अकेला नहीं है।