आंध्र प्रदेश सरकार ने टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को विशाखापत्तनम में 21.16 एकड़ जमीन मात्र 99 पैसे में आवंटित करने की मंजूरी दे दी है। यह फैसला राज्य सरकार के उस प्रयास का हिस्सा है, जिसके तहत विशाखापत्तनम को देश के प्रमुख आईटी हब के रूप में विकसित किया जाएगा।
“हमारा सानंद मोमेंट”
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इस फैसले को “आईटी क्षेत्र के लिए सानंद मोमेंट” बताया। उन्होंने याद दिलाया कि जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने टाटा मोटर्स को सानंद में जमीन 99 पैसे में आवंटित की थी, जिसके बाद वहां ऑटोमोबाइल उद्योग को बड़ी सफलता मिली।

90 दिनों में शुरू होगा काम, 10,000 लोगों को मिलेगा रोजगार
- TCS अगले 90 दिनों के भीतर विशाखापत्तनम में अपना कामकाज शुरू कर देगा।
- शुरुआत में कंपनी किसी किराए की इमारत से काम करेगी, जबकि उसका स्थायी कैंपस 2-3 साल में तैयार होगा।
- इस परियोजना से 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
“विशाखापत्तनम में आईटी क्रांति होगी”
राज्य के आईटी मंत्री नारा लोकेश ने कहा कि “TCS का आना विशाखापत्तनम को आईटी और टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में पहला कदम है।” उन्होंने बताया कि सरकार का लक्ष्य अगले 5 साल में आईटी सेक्टर में 5 लाख नौकरियां पैदा करना है।
मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, जिन्होंने हाल ही में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम (डावोस) में भाग लिया था, ने भी कहा कि “जब TCS विशाखापत्तनम में अपनी यूनिट स्थापित करेगा, तो यह शहर आईटी क्रांति का गवाह बनेगा।”
अन्य कंपनियों से भी चल रही बातचीत
राज्य सरकार अन्य टेक कंपनियों के साथ भी बातचीत कर रही है, जो अपने व्यवसाय का विस्तार करना चाहती हैं। सरकार का मानना है कि विशाखापत्तनम जल्द ही भारत का एक प्रमुख टेक्नोलॉजी डेस्टिनेशन बन जाएगा।
क्या है TCS की योजना?
- पहले चरण में कंपनी किराए के ऑफिस से काम शुरू करेगी।
- दूसरे चरण में उसका अपना कैंपस बनेगा, जिसमें हजारों कर्मचारी काम करेंगे।
- इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और राज्य की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।
इस फैसले को आंध्र प्रदेश सरकार की एक बड़ी आर्थिक और तकनीकी उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है। अब देखना यह है कि क्या विशाखापत्तनम वाकई देश का अगला आईटी हब बन पाता है।
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