टाइगर स्टेट एमपी में बाघों की संख्या 785 में हुई बढ़ोत्तरी
रिपोर्टर: हेमंत गुर्जर,सतवास, by: vijay nandan
मध्यप्रदेश का खिवनी वन्यजीव अभयारण्य बाघों के लिए एक सुरक्षित ठिकाना बनता जा रहा है। हाल ही में किए गए कैमरा ट्रैपिंग सर्वे में 10 बाघों की मौजूदगी दर्ज की गई, जिनमें 5 मादा, 3 नर और 2 शावक शामिल हैं। यह सर्वे 1 से 25 फरवरी 2025 के बीच वाइल्डलाइफ कंजर्वेशन ट्रस्ट के सहयोग से किया गया।
खिवनी अभयारण्य देवास और सीहोर जिलों में फैला हुआ है और इसका कुल क्षेत्रफल 134.778 वर्ग किलोमीटर है। विशेषज्ञों के अनुसार, यह क्षेत्र बाघ सोर्स एरिया के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है और बाघों के बढ़ते कुनबे के चलते इसका महत्व और भी बढ़ गया है।

संरक्षण प्रयासों का दिखा असर
वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में यहां बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए कई प्रयास किए गए। गश्त और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया गया, अवैध शिकार पर कड़ी निगरानी रखी गई और स्थानीय समुदाय को भी जागरूक किया गया।
खिवनी अभयारण्य में जल स्रोतों के विकास, चरागाहों की बहाली और शाकाहारी जीवों की संख्या बढ़ाने पर विशेष ध्यान दिया गया है, ताकि बाघों को पर्याप्त प्राकृतिक भोजन मिल सके। वन विभाग की योजना के तहत आने वाले समय में यहां और अधिक शाकाहारी जीवों को बसाया जा सकता है।

स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
बाघों की बढ़ती संख्या से जहां वन्यजीव प्रेमी और पर्यावरणविद् खुश हैं, वहीं आसपास के ग्रामीण भी इस बदलाव को करीब से देख रहे हैं। स्थानीय निवासी बताते हैं कि पहले के मुकाबले अब जंगल में बाघों की चहल-पहल ज्यादा महसूस की जा रही है। हालांकि, वे वन विभाग से सुरक्षा उपायों को और मजबूत करने की भी मांग कर रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ?
वन्यजीव विशेषज्ञों का मानना है कि खिवनी का यह बदलाव मध्यप्रदेश के बाघ संरक्षण मिशन के लिए एक सकारात्मक संकेत है। यह अभयारण्य पेंच, सतपुड़ा और रत्नगढ़ जैसे बड़े बाघ अभयारण्यों से जुड़ा हुआ है, जिससे यहां के बाघों को सुरक्षित गलियारे (कॉरिडोर) उपलब्ध होते हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि अगर बाघों की यह बढ़ती संख्या स्थिर रहती है, तो भविष्य में खिवनी को टाइगर रिजर्व के रूप में विकसित करने पर विचार किया जा सकता है।
पर्यटन को भी मिलेगा बढ़ावा
बाघों की संख्या में वृद्धि से खिवनी अभयारण्य को पर्यटन के लिहाज से भी लाभ मिलेगा। वन विभाग की योजना के अनुसार, यहां इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने और जंगल सफारी जैसी सुविधाएं विकसित करने पर विचार किया जा रहा है। इससे स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी खुलेंगे।
मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 795 पहुंच गई है
खिवनी वन्यजीव अभयारण्य में बाघों की बढ़ती संख्या एक सकारात्मक संकेत है। यह क्षेत्र धीरे-धीरे अपने प्राकृतिक स्वरूप में लौट रहा है, जो न केवल जैव विविधता के लिए बल्कि पर्यावरण संरक्षण और पर्यटन के लिए भी शुभ संकेत है . मध्य प्रदेश को ‘टाइगर स्टेट’ के रूप में जाना जाता है, और हाल ही में खिवनी अभयारण्य में 10 नए बाघों की पहचान के साथ, प्रदेश में बाघों की कुल संख्या में वृद्धि हुई है। वर्ष 2022 की अखिल भारतीय बाघ गणना के अनुसार, मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 526 से बढ़कर 785 हो गई थी, जो देश में सर्वाधिक है。 इन नए 10 बाघों को मिलाकर, प्रदेश में अब कुल 795 बाघ हो गए हैं। यह वृद्धि वन विभाग के संरक्षण प्रयासों और स्थानीय समुदायों के सहयोग का परिणाम है, जो बाघों के लिए सुरक्षित आवास और शिकार पर नियंत्रण सुनिश्चित करते हैं।