हरिद्वार: महाशिवरात्रि के दिन प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला का आज विधिवत समापन हो गया। इस पावन अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई। मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन गंगा स्नान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है। प्रशासन के अनुसार, सुबह 6 बजे तक 41 लाख से अधिक भक्त संगम में स्नान कर चुके थे। अब जब प्रयागराज का महाकुंभ समाप्त हो गया, तो स्वाभाविक रूप से श्रद्धालुओं के मन में यह सवाल उठ रहा है कि अगला कुंभ मेला कब और कहां आयोजित होगा?
अगला कुंभ मेला 2027 में हरिद्वार में होगा
अब से दो साल बाद, यानी 2027 में हरिद्वार में गंगा तट पर अर्धकुंभ का आयोजन होगा। इस भव्य आयोजन के लिए उत्तराखंड सरकार ने अभी से अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज्य सरकार के निर्देश पर हरिद्वार प्रशासन और संबंधित विभागों ने तैयारियों को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा हुई।
क्या बोले आईजी गढ़वाल?
इस बैठक के बाद आईजी गढ़वाल राजीव स्वरूप ने बताया,
“अर्धकुंभ 2027 की तैयारियों को लेकर विभिन्न विभागों ने अपनी प्रस्तुतियां दीं। इसमें ट्रैफिक प्लान, पार्किंग व्यवस्था, भीड़ प्रबंधन और आधारभूत संरचना से जुड़ी योजनाओं पर चर्चा की गई। प्रशासन पूरी तरह से तैयार है और सभी विभाग मिलकर इस आयोजन को सफल बनाने के लिए काम कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री जल्द लेंगे उच्च स्तरीय बैठक
गढ़वाल मंडल के कमिश्नर विनय शंकर पांडे ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि 2027 का मेला ‘कुंभ’ के नाम से आयोजित किया जाएगा और इसे पूरी भव्यता और सुरक्षा के साथ संपन्न किया जाएगा। उन्होंने कहा,
“हमारी प्राथमिकता यह है कि आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं मिलें और उन्हें किसी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। इस संबंध में अधिकारियों की पहली बैठक हो चुकी है और कई महत्वपूर्ण सुझाव भी सामने आए हैं। जल्द ही मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक होगी, जहां अंतिम रूप से योजनाओं को मंजूरी दी जाएगी।”
हरिद्वार कुंभ 2027: भव्य, दिव्य और सुरक्षित होगा आयोजन
उत्तराखंड सरकार का लक्ष्य है कि 2027 का कुंभ मेला इतिहास का सबसे भव्य और सुव्यवस्थित आयोजन बने। इसके लिए बुनियादी ढांचे में सुधार, सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने और ट्रैफिक प्रबंधन को दुरुस्त करने की योजना बनाई जा रही है।
अब जब हरिद्वार में 2027 में कुंभ मेला आयोजित होने जा रहा है, तो श्रद्धालु इस पावन अवसर के लिए बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सरकार भी इसे भव्य, दिव्य और सुरक्षित बनाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।
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