BY
Yoganand Shrivastava
Dehli news: भारतीय सेना ने अपने अधिकारियों और जवानों के लिए सोशल मीडिया के उपयोग को लेकर नई और सख्त नीति लागू की है। इस नई गाइडलाइन में इंस्टाग्राम, एक्स, यूट्यूब, व्हाट्सएप, टेलीग्राम और लिंक्डइन जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म्स के इस्तेमाल को लेकर स्पष्ट नियम तय किए गए हैं। सेना का उद्देश्य डिजिटल सुरक्षा को मजबूत करना और संवेदनशील जानकारियों के दुरुपयोग को रोकना है।
किन ऐप्स पर क्या अनुमति
नई नीति के अनुसार, इंस्टाग्राम, एक्स, यूट्यूब और कोरा जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का उपयोग सैन्य कर्मी केवल जानकारी देखने या निगरानी के उद्देश्य से कर सकेंगे। इन प्लेटफॉर्म्स पर किसी भी तरह की टिप्पणी करना, व्यक्तिगत राय साझा करना या कोई भी सामग्री पोस्ट करना पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।
वहीं, व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल और स्काइप जैसे मैसेजिंग ऐप्स पर केवल सामान्य और अवर्गीकृत जानकारी साझा करने की अनुमति होगी। यह जानकारी भी केवल उन्हीं लोगों के साथ साझा की जा सकेगी, जिन्हें उपयोगकर्ता व्यक्तिगत रूप से जानता हो। संदेश भेजने से पहले सामने वाले व्यक्ति की पहचान सुनिश्चित करना पूरी तरह उपयोगकर्ता की जिम्मेदारी होगी।
इसके अलावा, लिंक्डइन का उपयोग केवल पेशेवर उद्देश्यों के लिए किया जा सकेगा। सेना के जवान इस प्लेटफॉर्म पर अपना बायोडाटा अपलोड कर सकते हैं या संभावित नियोक्ताओं और संस्थानों से जुड़ी जानकारी हासिल कर सकते हैं, लेकिन इससे आगे किसी गतिविधि की अनुमति नहीं होगी।
क्यों लाई गई नई नीति
रक्षा विशेषज्ञों के अनुसार, दुश्मन देशों की खुफिया एजेंसियां सोशल मीडिया के जरिए सैन्य कर्मियों को निशाना बनाकर हनी ट्रैप, डेटा चोरी और सूचना जुटाने की कोशिश करती हैं। इन्हीं खतरों को देखते हुए सेना ने यह नई नीति लागू की है। इसका मकसद न सिर्फ डिजिटल जोखिमों से बचाव करना है, बल्कि सैन्य अनुशासन और राष्ट्रीय सुरक्षा को भी सुनिश्चित करना है।
सेना ने स्पष्ट किया है कि इन नियमों का उल्लंघन करने पर संबंधित कर्मियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, जवानों को क्लाउड आधारित स्टोरेज सेवाओं का उपयोग करते समय अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह भी दी गई है।





