BY
Yoganand Shrivastava
Gwalior news: मुरार क्षेत्र के बहुचर्चित 9 साल पुराने हत्याकांड में विशेष न्यायालय (एससी/एसटी अत्याचार निवारण) ने अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने आरोपी मोहन सिंह कमरिया को दोषी मानते हुए तीन साल के कारावास की सजा सुनाई है। हालांकि, न्यायालय ने हत्या की धारा 302 को घटाकर गैर इरादतन हत्या की धारा 304 के तहत सजा तय की।
धारा 302 से 304 में बदला अपराध
विशेष न्यायाधीश ने सुनवाई के दौरान पेश साक्ष्यों, प्रत्यक्षदर्शी गवाहों और मेडिकल रिपोर्ट का गहन अध्ययन किया। अदालत ने माना कि घटना जान से मारने के इरादे से नहीं, बल्कि अचानक हुए विवाद के दौरान घटित हुई, इसलिए हत्या की जगह गैर इरादतन हत्या की धारा लागू की गई।
सह-आरोपियों को मिला संदेह का लाभ
मामले में शामिल अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप साबित नहीं हो सके। न्यायालय ने पर्याप्त और ठोस साक्ष्य के अभाव में सभी सह-आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया।
गाड़ी टकराने से शुरू हुआ था विवाद
अभियोजन के अनुसार, यह घटना 3 मार्च 2014 की रात मुरार क्षेत्र की न्यू कॉलोनी में हुई थी। दो पक्षों के बीच वाहन टकराने को लेकर कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते हिंसक झड़प में बदल गई। इसी दौरान चली गोली से एक व्यक्ति की मौत हो गई थी, जबकि कुछ अन्य लोग घायल हुए थे।
शुरुआत में गंभीर धाराओं में दर्ज हुआ था केस
पुलिस ने घटना के बाद आरोपियों के खिलाफ हत्या, हत्या के प्रयास, बलवा और एससी/एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम सहित कई गंभीर धाराओं में मामला दर्ज किया था। लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने मुख्य आरोपी की भूमिका को प्रमाणित माना और उसी के आधार पर सजा सुनाई।





