BY
Yoganand Shrivastava
Gwalior news: ग्वालियर के मेला मैदान में गुरुवार को “अभ्युदय मध्यप्रदेश ग्रोथ समिट – निवेश से रोजगार” का भव्य आयोजन हुआ। राज्य स्तरीय इस कार्यक्रम का उद्घाटन केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने संयुक्त रूप से किया। यह आयोजन भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती के अवसर पर आयोजित किया गया।
प्रदर्शनी का अवलोकन और विकास परियोजनाओं की शुरुआत
उद्घाटन के बाद अमित शाह और मुख्यमंत्री ने समिट में लगी औद्योगिक एवं विकास आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया। कार्यक्रम के दौरान ग्वालियर व्यापार मेला और अटल संग्रहालय का भी शुभारंभ किया गया। मंच से लगभग 2 लाख करोड़ रुपये की 1655 औद्योगिक इकाइयों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया गया, जिससे प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर सृजित होने की उम्मीद है।
ग्वालियर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का उल्लेख
अपने संबोधन में अमित शाह ने कहा कि ग्वालियर की धरती ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। यही वह भूमि है जहां तानसेन जैसे महान संगीतज्ञ का जन्म हुआ और ग्वालियर घराने ने भारतीय संगीत को नई ऊंचाइयां दीं। उन्होंने कहा कि इसी धरती ने अटल बिहारी वाजपेयी जैसे महान नेता को देश को दिया, जिनका योगदान आज भी पूरे देश को प्रेरणा देता है।
आदिवासी कल्याण पर अटल जी का योगदान
अमित शाह ने कहा कि मध्यप्रदेश में देश की सबसे बड़ी आदिवासी आबादी निवास करती है। अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल से पहले आदिवासियों के कल्याण के लिए कोई ठोस व्यवस्था नहीं थी। अटल जी ने अलग आदिवासी विभाग का गठन कर उनके अधिकारों और विकास को मजबूत आधार दिया।
देश के बड़े उद्योगपति हुए शामिल
ग्रोथ समिट में देश के कई प्रतिष्ठित उद्योग समूहों और औद्योगिक संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए। इसमें ऊर्जा, सीमेंट, खाद्य प्रसंस्करण, उपभोक्ता उत्पाद, वाहन निर्माण और पेट्रोलियम क्षेत्र से जुड़े प्रमुख उद्योग समूह मौजूद रहे, जिन्होंने मध्यप्रदेश में निवेश को लेकर रुचि दिखाई।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम, शहर हाई अलर्ट पर
केंद्रीय गृह मंत्री के दौरे को देखते हुए ग्वालियर शहर करीब 17 घंटे तक हाई अलर्ट पर रहा। कार्यक्रम स्थलों और मार्गों पर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की गई। सीआरपीएफ के जवानों ने पुलिस के साथ मिलकर सुरक्षा की कमान संभाली। गृह मंत्री के प्रवास के दौरान पूरा क्षेत्र नो-फ्लाइंग जोन घोषित किया गया और अंतिम कारकेड रिहर्सल के जरिए सुरक्षा तैयारियों को परखा गया।
मंत्रिमंडल के वरिष्ठ सदस्य रहे मौजूद
कार्यक्रम में उपमुख्यमंत्री, ऊर्जा, कृषि, जल संसाधन, खेल एवं युवा कल्याण सहित कई विभागों के मंत्री और वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। सम्मेलन के जरिए प्रदेश को निवेश और रोजगार के नए केंद्र के रूप में स्थापित करने का संदेश दिया गया।





