नई टैक्स व्यवस्था में बड़ा बदलाव: 12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा बजट 2025 में घोषित नई टैक्स व्यवस्था ने देश के करदाताओं के बीच हलचल मचा दी है। इस बदलाव के तहत, अब 12 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा, जबकि पहले यह सीमा 7 लाख रुपये थी। इसके अतिरिक्त, 75,000 रुपये की स्टैंडर्ड डिडक्शन भी दी जाएगी, जिससे करदाताओं को और भी राहत मिलेगी।
CBDT चेयरमैन का बयान: नई व्यवस्था को लेकर उम्मीदें
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) के चेयरमैन, रवि अग्रवाल ने कहा कि इस बदलाव के बाद 90% से अधिक करदाता नई टैक्स व्यवस्था को अपनाने में सक्षम होंगे, जबकि वर्तमान में यह आंकड़ा करीब 75% है। उन्होंने इसे टैक्स सिस्टम को सरल और डिजिटल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
सरकार का उद्देश्य: सरल और डिजिटल टैक्स प्रणाली
रवि अग्रवाल ने आगे बताया कि सरकार का लक्ष्य टैक्सपेयर्स के लिए टैक्स फाइलिंग को और अधिक आसान बनाना है। इसके लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिसिस जैसी नई तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है, जो गलत टैक्स डिडक्शन और फर्जी क्लेम को रोकने में मदद करेंगी।
नई व्यवस्था के फायदे: बचत और आर्थिक विकास
नई टैक्स व्यवस्था के तहत, 25 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले करदाता टैक्स स्लैब में बदलाव से हर साल 1.1 लाख रुपये तक की बचत कर सकते हैं। यह बदलाव मध्यम वर्ग के लिए महत्वपूर्ण राहत का स्रोत साबित होगा। जब करदाताओं के पास अधिक पैसा बचता है, तो वे खर्च करेंगे, जिससे देश की अर्थव्यवस्था को भी फायदा होगा।
टैक्स बेस बढ़ाने पर ध्यान
CBDT चेयरमैन ने कहा कि सरकार टैक्स बेस को बढ़ाने पर भी जोर दे रही है। इसके लिए AI और डिजिटल सिस्टम का सहारा लिया जा रहा है। पिछले साल 90,000 टैक्सपेयर्स ने गलत टैक्स डिडक्शन का दावा किया था, लेकिन बाद में उन्हें 1,000 करोड़ रुपये का टैक्स भरना पड़ा।
आगे की योजनाएं: टैक्स सिस्टम में सुधार
अग्रवाल ने यह भी बताया कि भविष्य में टैक्स सिस्टम को और बेहतर बनाने के लिए और कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि बजट 2025 में किए गए फैसले देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होंगे।
Auther – Swadesh News