भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की आज 122 वीं जयंती है। जिसको लेकर देशभर में भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की जयंती मनाई जा रही है। इसके साथ ही किसानों के दलों ने भी विभिन्न स्थानों पर एकत्रित होकर भारत रत्न चौधरी चरण सिंह को याद किया। बता दें कि चौधरी चरण सिंह किसानों के बीच काफी याद किए जाते है। हाल ही में मोदी सरकार ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न से नवाजा था। उनको किसानों का मसीहा भी माना जाता था।
आज ही के दिन हुआ था जन्म
आज ही के दिन यानी की 23 दिसंबर को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का जन्म हुआ था। वह अपने पूरे जीवन में किसानों और मजदूरों के लिए संघर्ष करते रहे। यही कारण रहा कि चौधरी चरण सिंह किसानों और मजदूरों के मसीहा कहलाए। बताया जाता है कि चौधरी चरण सिंह ने अपने पूरे जीवन में एक दिन भी खेती नहीं की थी। बावजूद इसके वह किसान नेता कहलाए।
मेरठ से की थी पढ़ाई
साल 1919 में चौधरी चरण सिंह ने गवर्नमेंट हाई स्कूल से मैट्रिक पास किया। फिर आगरा कॉलेज से बीएससी और साल 1925 में इतिहास में एमए की पढ़ाई की। साल 1926 में उन्होंने मेरठ कॉलेज से कानून की पढ़ाई पूरी की। कानून की पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने गाजियाबाद में सिविल कानून की प्रैक्टिस की। फिर साल 1929 में चौधरी चरण सिंह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए।
बने देश के 5वें प्रधानमंत्री
बता दें कि 28 जुलाई 1979 से लेकर 14 जनवरी 1980 तक वह भारत के 5वें प्रधानमंत्री रहे। उनको भारत के किसानों के चैंपियन के रूप में जाना जाता है। उन्होंने चौधरी चरण सिंह ने अपने पूरे जीवन में किसानों और किसानों के परिवार के उत्थान के लिए काम किया। वह देश की आजादी के लिए कई बार जेल गए और साल 1937 में वह पहली बार छपरौली से यूपी विधानसभा के लिए चुने गए। फिर साल 1946, 1952, 1962 और 1976 में उन्होंने निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
साल 1946 में चौधरी चरण सिंह पं. गोविंद बल्लभ पंत की सरकार में संसदीय सचिव बने थे। वह भारतीय राजनीति में मील का पत्थर साबित हुए और विरोधी भी उनकी ईमानदारी के कायल थे। मेरठ चौधरी चरण सिंह की कर्मभूमि रही और यहां पर उनके नाम का एक विश्वविद्यालय भी है। साल 1965 में सीसीएसयू की स्थापना श्मेरठ विश्वविद्यालयश् नाम से हुई थी। फिर बाद में इसका नाम बदलकर चौधरी चरण सिंह के नाम पर रखा गया।